Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!
Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!

Swati Rani

Others

4.3  

Swati Rani

Others

तितली

तितली

2 mins
217


"तितली उड़ी उड़ जो चली, फूल ने कहा आ जा मेरे पास, तितली कहे मैं चली आकाश", सुबह से अनायस ही ये गाना मेरे लबों पर आये जा रहा था।

तभी मुन्ना ने पुछा, पापा तितली इतनी प्यारी क्यों होती है? रंग-बिरंगी, प्यारी-प्यारी, जी आता है पकड़ लुं, आज सुबह अपने बागीचे में आयी थी ढेर सारी, प्यारी-प्यारी तितलियाँ।

" अरे सुबह - सुबह क्या ले कर बैठ गये दोनों, और आप भी न्यूज़ में देख कर तितली गाये जा रहे हो, पता है ना कल से पुरे शहर में इसी तितली के वजह से रेड अलर्ट है", सुधा थोड़ा तेज बोली।

"अरे भाभी तो क्या मेरा रेलवे की परीक्षा भी नहीं होगी, शीट यार बड़ी तैयारी कि थी इस बार", रमेश झल्लाया।

" अरे सुनो रमेश आज ही घर का सारा खाने-पीने का सामान ले आना, पता ना कितने दिन बाजार बंद रहे कोई ठीक है,आँफिस में तो कल बोल दिया था अनिश्चित काल के लिये बंद", राजेश अपने भाई रमेश से बोला।

" नाम है ये तितली, और है चक्रवात, कहाँ एक कोमल रंग- बिरंगी काया और कहाँ एक तबाही का मंजर, याद है पिछले बार के तुफान ने क्या-क्या तबाही मचायी थी", सुधा बोली।

"सब बातें कर रहें है ये पिछली बार से भी खतरनाक है, पता ना गरीब बेचारों का क्या होगा", राजेश बोला।

" आपलोगों को पता है, इस चक्रवात को तितली नाम किसने दिया है, पाकिस्तान ने", रमेश ने अपना ज्ञान झाड़ा।

"बस करो, समान्य ज्ञान बाबु", तीनों ने हंसते हुये हाथ जोड़ लिये।

अगला दिन सारी दुकानें, स्कूल, कॉलेज सब बंद थे।

आसमान में काले बादल घुमडने चालू हो गये थे, तभी अचानक मुन्ना बागीचे से दो तितलियों को पकड़ लाया।

" अरे इनको क्यों पकड़ लाये तुम छोड़ दो इनहे ", सुधा झिड़की।

"क्यों मां इन तितलियों को भी तो तितली तूफान से खतरा है ना, जब हम इंसान बंद है घरों में तो तूफान में इनका क्या होगा ,जैसे तूफान खत्म होगा इनको छोड़ देंगे", कहते हुये मुन्ना ने उन दोनों तितलियों को छोटे-छोटे छेद वाले डब्बे में डाल कर एक कटोरी में पानी दे दिया।

मैं विस्मित सी मुन्ना के दयालता पर दंग थी!

तूफान खत्म होने के बाद जगह-जगह पेड़ टूटे हुये थे, चारों तरफ पानी-पानी, बहुतों के मकान के छत उड़ गये थे, चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुयी थी।

" देखा माँ मैं ना कहता था कि जब इंसानों के ये हालत है इस तूफान में, तो बेचारी ये तितलियां क्या तो मर ही जाती", कहते हुये मुन्ना ने डब्बा खोल दिया।

दोनो तितलियां, तितली तूफान के तबाही से अनभिज्ञ, बागिचे में एक टूटे हुये डाल में लगे हुये फूल का रस चूसने लगी!


Rate this content
Log in