तिल

तिल

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अंकुर अपनी पढाई पूरी करके ट्रैन में अपने घर जा रहा था । वो नीचे वाली बर्थ पर बैठा था । इतने में ऊपर वाली बर्थ से दो पांव नीचे की तरफ आए । पांव बहुत सुँदर थे और किसी लड़की के लग रहे थे । वो कुछ समझ पाता इतने में ही लड़की नीचे कूद पड़ी । वो बस गिरते गिरते बची । अंकित ने उसे कंधे से पकड़ लिया और गिरने से बचा लिया । जब उन दोनों की आँखें मिलीं तो अंकित होश खो बैठा । लड़की स्वर्ग की अप्सरा सी सुन्दर थी । जब लड़की ने अंकुर को थैंकयू कहा तब उसे होश आया और उसने वेलकम कह कर लड़की को छोड़ा । लड़की सामने वाली सीट पर बैठ गयी ।


अंकुर थोड़ी थोड़ी देर में तिरछी नजर से उसे देखता जा रहा था , हालाँकि लड़की अपनी एक किताब पढ़ने में मशगूल थी और वो अंकुर की तरफ बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रही थी । पर अंकुर को तो उस लड़की में अपना पहला प्यार नजर आ रहा था । उस का दिल तेजी से धड़क रहा था और वो उस लड़की को निहारता ही जा रहा था । लड़की के होठों के ऊपर एक कला तिल था जो उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा रहा था । अंकुर पहली नजर में ही उसे अपना दिल दे बैठा था । इतने में अगला स्टेशन आ गया और वो लड़की वहां उतर गयी ।


कुछ देर बाद अंकुर का सटेशन भी आ गया और वो अपने घर पहुँच गया पर वो उस लड़की को भुला नहीं पा रहा था । हर पल वो उस के ख्यालों में रहता और अब तो वो उसके सपनों में भी आने लगी थी । वो भगवान से भी उस लड़की से मिलाने की प्रार्थना करता । अब तो वो रोज मंदिर भी जाने लगा था और वहां लड़की से मिलने की मन्नत मांगता ।


करीब छह महीने बाद उसने जो नौकरी के लिए इंटरव्यू दे रक्खी थी उसका नतीजा भी आ गया । उसको एक अच्छी नौकरी मिल गयी थी और दो महीने बाद नौकरी ज्वाइन भी करनी थी । घर वाले चाहते थे के अब अंकुर की शादी कर दी जाये । रिश्ते भी बहुत आने लगे थे । उसकी माँ ने एक लड़की सेलेक्ट भी कर ली थी और दो दिन बाद उसे देखने जाने का प्रोग्राम भी बन गया था । अंकुर सोच रहा था कि वो वहां जाकर लड़की को किसी न किसी बहाने मना कर देगा । घर वालों को वो क्या कहे ये उसे सूझ नहीं रहा था ।


सब लड़की वालों के घर पहुँच गए । जब लड़की चाय लेकर आयी तो अंकुर बस उसे देखता ही रह गया । ये तो वही ट्रैन वाली लड़की थी । उसको अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हो रहा था । उस ने मन की मन ईश्वर को धन्यवाद् दिया । लड़की का नाम पूनम था । उसके होठों के ऊपर वो काला तिल नजर नहीं आ रहा था । वो सोच रहा था शायद तिल कहीं मेकअप के निचे छुप गया है या तो उस लड़की ने सर्जरी वगैरह करवा के निकलवा दिया है । उस ने वहां ये पूछना मुनासिब नहीं समझा और शादी के लिए झट से हाँ कर दी ।


दस दिन के बाद शादी भी तय हो गयी । दोनों परिवार थोड़े पुराने ख्यालों के थे इसलिए शादी से पहले दोनों की आपस में कोई बात भी नहीं हो पाई ।अब तो अंकुर पूरा दिन पूनम के बारे में ही सोचता रहता । वो अब मंदिर जाना भी भूल गया था । शादी बड़ी धूम धाम से हुई । शादी के अगले दिन घर में इतने फंक्शन थे कि दोनों को आपस में बात करने का वक़्त ही नहीं मिला । पूनम ने बताया कि उस की छोटी बहन जो अमेरिका में पढ़ती है वो किसी कारन शादी वाले दिन नहीं आ पायी थी वो कल आ रही है और उन दोनों को एयरपोर्ट पर उसे रिसीव करने जाना है ।


सुबह उठ कर दोनों एयरपोर्ट चले गए और वेटिंग हॉल में पूनम की बहन के आने का इंतजार करने लगे । अंकुर खाने के लिए कुछ लेने चला गया । वहां पर उसे थोड़ा वक़्त लग गया । जब वो लोट कर आया और उस ने पूनम को बुलाया तो वो उसे देख कर एक दम भौंचक्का रह गया । होठों के उपर का वो तिल जो गायब हो गया था वो वापिस आ गया था । अंकुर कुछ कहने ही वाला था कि उधर से आवाज आयी ''जीजू ,कैसे हो, आप भी धोखा खा गए न । असल में मैं अंजलि हूँ । मैं और पूनम दोनों जुड़वां बहने हैं । मैं पूनम से दो मिनट छोटी हूँ । हमारी शकल इतनी मिलती है की अक्सर लोग धोखा खा जाते हैं । कई बार तो घर वाले भी हमें नहीं पहचान पाते । बस ये एक तिल ही है जो हमें एक दूसरे से अलग करता है ''।


अंकुर एक दम हक्का बक्का रह गया पर कुछ बोल न पाया । वो सोच रहा था कि मेरा पहला प्यार अंजलि है या पूनम और क्या सिर्फ एक तिल न होने के कारन उसका प्यार पूनम के लिए कुछ कम हो जायेगा?। 



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