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Akshat Garhwal

Others

4  

Akshat Garhwal

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The 13th, Chapter-2

The 13th, Chapter-2

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258


5 साल बाद


हो हल्ले के शोर से उस ऊंची इमारत का पार्किंग लॉट गूँज रहा था, पर क्योंकि वो इमारत समुद्र तट के काफी पास थी तो वहां पर उस शोर से परेशान होने वाला कोई भी नहीं था। उधर समुद्र अपनी करवट बदल रहा था और यहाँ पर लोगों का मनोरंजन हो रहा था, पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के पास काफ़ी सारे लोग जमा थे जिनके मुंह से खुशी भरी किलकारियां निकल रही थी, कुछ तो इस कदर पागलपन में थे कि अंधाधुन किसी व्यक्ति पर बोलियां लगा रहे थे। उस भीड़ से थोड़ी सी ही दूरी पर 1 पीली लैम्बोर्गिनी खड़ी हुई यही जिस पर एक लड़की रेशमी से वस्त्र पहने हुए बैठी हुई थी और उसी के बाजू में एक फ़रारी के ऊपर 2 विदेशी लोग बैठे हुए थे, सिल्वर से सूट और टाई के साथ, गोल चेहरे पर काला चश्मा और देखने में बिल्कुल ही दबंग।

तभी किसी ने माइक पर तीन बार “टक-टक” किया और सभी अचानक शांत हो गए।

“लेडीज एंड जेंटलमैन, आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है “रूबी फार्मसूइटिकल” की इस इंटरनेशनल बाउंटी एरीना में। यहाँ पर आज “रूबी फार्मसूइटिकल” और “अयामा मेडिकल फार्मा” के बीच एक मुकाबला होने जा रहा है जहाँ पर यह फैसला होगा की कौन वह कंपनी होगी जो अफ्रीकन मेडिसिन्स का 66 बिलियन का पैकेज खरीदेगी। बहुत ही जोशीली आवाज़ में इस पीली ड्रेस वाली लड़की ने कमेंट्री की “ मै हूँ जिया पटेल और अब मैं बुलाना चाहूंगी उन कंपनी रिप्रेजेन्टेटिव फाइटर्स को जो दोनों कंपनियों की तरफ से यह जबरदस्त मुकाबला करने वाले हैं।

तालियों ओर सीटियों की आवाज़ ने लोगो के उत्साह को जता दिया और एक बार फिर सभी फाइटर्स की एंट्री के लिए तैयार हो गए;

“ फाइटिंग की दुनिया में बहुत ही कम समय में इस फाइटर ने काफी नाम कमाया है, जुडो जैसे डिफेंसिव स्टाइल को इसने ओफ्फेन्सीव क़रार दे दिया है। अपने ओप्पोनेंट को बिजली की रफ्तार से जमीन की धूल चटा देने वाले इस फाइटर को आज तक कोई नहीं हरा पाया है; एरीना में कदम रख रहे हैं 6फुट 5इंच और 101 किलों. के “बोजुई कामोये” दी “हेल थ्रोअर.

बाईं तरफ की गाड़ियों की कतार को पार कर बोजुई आगे बढ़ रहा था। उसने जुडो की किट की जगह एक बनियान और फूला हुआ सिल्वर पेंट पहन रखा था। उसके बड़े मांसल हाँथ किसी मेंटिस की तरह आगे की तरफ झुके हुए थे, आंखों में गंभीर भाव और चेहरे पर नाम मात्र की मुस्कान थी, नीचे की तरफ लटके हुए काले बाल और युवापन से भरपूर चेहरा। वह बड़े ही आराम से आगे बढ़ता हुआ आगे आ रहा था और उसके आते ही एरीना में लोगों की चिल्लपों तेज़ हो गई

“ येsssss.. बोजुई तुम ही जीतोगे!”

“ छोड़ना मत ‘उसे’ बोजुई, मेरे पैसे दांव पर लगे है।“

और कुछ तो जैपनीज़ में ही आवाजें लगा रहे थे, पर अभी तो खुद बोजुई भी ये नहीं जानता थे कि वो है कौन जिससे आज उसका मुकाबला होने वाला है। और एक बार फिर जिया के हाँथ माइक को देख कर सभी शांत हो गए, बोजुई भी अपनी धौंस जमा किसी चट्टान की तरह वह पर खड़ा हो गया

“ और अब बारी है हमारे अगले प्रतिद्वंदी की”। जिया की बात सुनकर सभी का ध्यान दांई तरफ आ गया जहाँ से “वो” आने वाला था। “फाइटिंग की दुनिया में इस ‘लोन वुल्फ’ ने पिछले साल ही एंट्री मारी और देखते ही देखते इस खेल के सारे उपलब्ध फाइटर्स को हरा कर यह साबित कर दिया कि भारत में भी अंडरवर्ल्ड लेवल के फाइटर होते है। उसे आज तक कोई हरा नहीं पाया और उसकी पहचान भी कम है और यह उसकी पहली इंटरनेशनल फाइट होने वाली है। एरीना में कदम रख रहे है 5फुट 10इंच, 90 किलो. के ‘सृजल यादव’ दीsssssss “डोमिनेटर” .

दाईं तरफ की कतार से रूबरू होते हुए उसने एंटर किया, उसका शरीर जैसे बनावट से भरा हुआ था न ज्यादा भारी न ही ज्यादा पतला था, नीचे उसने एक लाल रंग का शॉर्ट पहना हुआ था और ऊपर कुछ नहीं। एक हाँथ में पानी की प्लास्टिक की बोतल लिए वो चला आ रहा था, पर उसकी चाल ढाल कुछ ठीक नहीं लग रही थी, उसका ब्राउन रंग का शरीर यूं ही काफी आकर्षक था पर इस समय निकल रही उसके शरीर की भाप उसे और ज्यादा आकर्षक बना रही थी। लोगों में उसके आते ही जैसे रोमांच सा छा गया। सृजल का नाम पूरे माहौल में एक बार के लिए गूंज गया।

अब सृजल बोजुई के सामने था, एक ओर बोजुई इस फाइट को लेकर काफी उत्सुक था वहीं सृजल के चेहरे पर कोई भाव नहीं था। इसके अलावा सभी ने एक बात और ध्यान में रखी थी कि सृजल के शरीर से अभी भाप निकलना बंद नही हुई थी। अभी दोनों फाइटर आमने सामने ही थे कि पीछे से एक सांवला से लड़का जिसने जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी, वो जल्दी से उन गाड़ियों के पास गया जहाँ पर रूबी बैठी हुई थी और उसके कान में जाकर कुछ कहा जिससे वो तुरंत नीचे उतरी और थोड़े किनारे पर जाकर कहने लगी

“ये क्या कह रहे हो आनंद, तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना?”

“सच कह रहा हूँ,” उसने कसम खाने की मुद्रा में अपने गले को पकड़ा “ सृजल को तेज बुखार है, मैं ने उसे लड़ने को मना किया पर वो है कि मानता ही नहीं, इसलिए तुम्हे बताना ठीक समझा”।

“चलो हमें जल्दी से मैच रोकना होगा”।

वे दोनों जल्दी से जिया के पास पहुँचे पर उनके कुछ कहने से पहले ही रूबी की नजरें सृजल से जा मिलीं जिनने इशारों से रूबी को ऐंसा करने को मना कर दिया। अब रूबी को समझ नहीं आ रहा था की क्या करे पर आखिरकार अपने दांतों को पीसते हुए वो वापस जाकर उन जापानी हस्तियों के साथ बैठ गयी।

“पागल कहीं का”। रूबी ने झुंझलाहट में धीमे से कहा

आनंद समझ गया कि अब सृजल को कोई नहीं समझा सकता, तो उसने भी सिर्फ भगवान से प्रार्थना की औऱ मैच की ओर ध्यान दिया।

“फाइटर्स, टेक योर स्टेन्स” जिया ने एक हाँथ ऊपर कर कहा और बोजुई ने एक पहलवान (रेसलर) की तरह थोड़ा झुकते हुए अपना खुद का जुडो स्टेन्स लिया। सृजल ने किसी एम एम एफाइटर की तरह ऑर्थोडॉक्स (ऑर्थोडॉक्स) स्टेन्स लिया।

“ रेडी?....... नाउ फाइट!”

जैसे सृजल इतनी जल्दी प्रतिक्रिया कर ही नहीं पाया और बिजली की फुर्ती कर साथ बोजुई के मांसल हांथो ने सृजल को कंधे से पकड़ कर सीधा जमीन पर हवा में लेकर पटक दिया। ‘पट्ट’ की आवाज के साथ सृजल कि पीठ जमीन पर पटकाई और ऐंसा लगा जैसे मांस के पटकने की आवाज आई हो। सृजल के चेहरे पर दर्द था पर जैसे उसकी आवाज दर्द से बंद हो गयी। ऐंसा लग रहा था मानो अब सृजल बस बेहोश होने वाला है, बोजुई ने अपना हाँथ किसी हथोड़े की तरह ऊपर उठाया और जोर से सृजल की तरफ दे मारा..............

“ धाड़sssssssss............” जोर की आवाज के साथ बोजुई का हाथ जमीन से टकरा गया।

सृजल उठ कर सामने खड़ा हो गए था पर बोजुई को अब भी इस बात का आश्चर्य था कि सृजल उसके नीचे से कैसे निकल गया? और सृजल के प्रोत्साहकों ने उसका नाम पूरे एरीना में सुना दिया। सृजल की पीठ की चमड़ी कुछ फट सी गयी थी जिस कारण वहां से खून बह रहा था..

“ उस बोजुई ने पिछले वार के समय गलती कर दी। उसे सृजल के ऊपर से बिल्कुल भी नहीं हटना चाहिए था, वह थोड़ा सा हटा और सृजल अपनी कोहनियों और एड़ी के बल फट्ट से सरक कर बाहर आ गया।“ बांधव अपने पास खड़े एक अजीब से लंबे लिबाज़ वाले व्यक्ति से बोला

“ वो घायल है, एक ओर बार पटक गया तो समझो फिर नहीं उठ पाएगा।“

“ यही तो वक्त है उसके कमाल दिखाने का” आनंद बहुत भरोसे के साथ बोला

सृजल अभी भी ऐंसे खड़ा हुआ था जैसे उसके शरीर मे शक्ति ही न बची हो। पर बोजुई जल्दी से खड़ा हुआ और फिर से वहीं पहले वाला स्टेन्स ले लिया।

“ बोजुई ने एक बार फिर पहले जैसा स्टेन्स ले लिया है, पर इस बार उसकी आँखों में आग भड़की हुई है। क्या सृजल उस आग को बुझा पाएगा?” जिया ने सभी का ध्यान वापस फाइट में लगा दिया।

अचानक से बोजुई पहले से भी तेज रफ्तार से सृजल की ओर लपक!

“ अरे नहीं ये पहले जैसा अटैक नही हैं, सृजल! बचके!” आनंद के शब्द भीड़ की आवाज में गुम हो गए और सृजल बोजुई कि बाजुओं में आ गया........

“ ताड़sssssssssss....” पर सृजल ने अपने दाहिने घुटने का जोरदार प्रहार उसके जबड़े में दे मारा, बोजुई अपने होश खो बैठा।

सृजल ने अपनी हालात को देख कर कोई फालतू का हथकंडा नहीं अपनाया और अपने आखिरी अटैक्स कर दिए। अपने होश खोने के बाद बोजुई जमीन पर गिरने वाला था पर सृजल ने उसका बायां हाथ पकड़ कर उसे एक चक्कर लगवा कर उसका मोमेंटम बरकरार रखा और फिर थोड़ा उछाल कर अपनी कोहनी के बल उसकी गर्दन के पिछले हिस्से पर वार करते हुए जमीन पर दे मारा। सृजल ने सिर्फ टाइमिंग मिलाई, टेकनीक लगाई और बाकी का काम गुरुत्वाकर्षण ने कर दिया। सृजल अपना आखिरी हमला करने के लिए उठ कर उसके सर पर लात जड़ने ही वाला था कि........... बोजुई को बेहोश देख वो रुक गया।

अक्सर फाइट के एन्ड में तालियों की गड़गड़ाहट और शोर-शराबे से माहौल गूंज जाता था पर आज सभी के मुँह खुले और आवाज बंद थी।

और कारण?...... वो मैं अभी बात देता हूं। दरअसल बोजुई का आखिरी हमला सृजल को टक्कर मरते हुए उसे हिप से उठा कर उसका सर जमीन पर पटकने का था, जिससे सृजल कुछ समय के लिए निढाल हो जाता और बोजुई अपना अगला दांव खेलता, बांधव ने ये देख लिया था ...... और सृजल ने भी। इसलिए सृजल अपनी जगह से हिला नहीं और जैसे ही बोजुई ने सृजल को पकड़ा और टक्कर मारने ही वाला था कि सृजल ने अपना घुटना बोजुई के जबड़े में पेल दिया और घूमते हुए उसकी गर्दन पर प्रहार कर दिया जिससे क्या हुआ.............................

पर सभी हैरान इसलिए थे कि सृजल ने आज तक इस तरह की मूव्स का यूज़ नहीं किया था और बोजुई के चाहने वालो के चेहरे इसलिए लटक गई क्योंकि बोजुई जो आज तक अपने दुगने वेट वाले फाइटर्स से नहीं हर था, आज किसी और देश में ज़मीन पर पड़ा हुआ था।

ऐंसा हाल देख कर रूबी के मुंह से सिगरेट जो अभी आधी भी नहीं जाली थी वो अपने आप नीचे गिर गयी, मिस्टर अयामा की आँखे तो चमगादड़ की तरह खुली पड़ी थी क्योंकि उन्हें तो अपनी जीत का पूरा भरोसा था। जैसे अभी अभी बिजली के झटके से उबरे हों, पूरा एरीना शोर में डूब गया, हर तरफ बस सृजल का नाम था और अब तो विदेशी लोग भी उसके लिए ही तालियां बजा रहे थें। मिस्टर अयामा के चेहरे पर भी अजीब सी खुशी थी।

“ एंड दा विनर इज, सृजल यादव दी डोमिनेटरsssssss!”



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