Akshat Garhwal

Others

4.5  

Akshat Garhwal

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The 13th अध्याय 21

The 13th अध्याय 21

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पुणे एयरपोर्ट

पुणे एयरपोर्ट काफी व्यस्त रहने वाले एयरपोर्ट्स में से एक है, ज्यादातर व्यपारिक काम यहीं से होते है। सामने आते ही एक बड़ा सा आधा गोला दिखता है जो असल में एयरपोर्ट की बड़ी सी बिल्डिंग है जो कि कांच से सजी हुई थी। उससे ठीक आगे एक चालू रोड थी जो ज्यादातर भारी हुई ही रहती थी पर यहाँ उस रोड पर केवल वहीं वाहन होते थे जो कि वहां पर किसी को लेने या छोड़ने आये होते थे। अंदर जाते ही अलग सी चकाचोंध थी उस जगह में। लाइन से लगी हुई कुर्सियां, जगह जगह पर सिक्योरिटी कैमरा और मेटल डिटेक्टर,डिटॉक्स(Detox) करने वाली मशीनें और बहुत सारे लोग, अलग धर्म अलग रंग यहाँ तक कि अलग देश के लोग भी। फ्लाइट पकड़ने से पहले अपना पासपोर्ट चेक करने के लिए एक काउंटर पर रुकना पड़ता है और उन्ही में से एक के पास कुछ जाने पहचाने लोग खड़े हुए थे.............

“अपना ध्यान रखना भाई और जल्दी वापस आ जाना। जब तक तू आ नहीं जाएगा तब तक तो मेरा मन उथल-पुथल ही रहेगा” आनंद ने सृजल को गले लगाते हुए बोला

“हाँ यार। जितनी जल्दी हो सके बच्चों को लेकर आ जाना, वैसे भी वो जगह खतरनाक है” रूबी ने आनंद को हटा कर सृजल को गले से लगा लिया और अलका को ध्यान मे रखते हुए वो जल्दी ही हट गयी

“अपना ध्यान रखना स्वीटी, और जहाँ भी जाओ हमे खबर करते रहना” अलका ने सृजल के गाल को चूमते हुए उसे अपनी बाहों में भर लिया।

“हां, मैं अपना ध्यान रखूंगा पर तुम लोग मेरी ज्यादा चिंता मत करना। जल्दी ही बच्चों को लेकर वापस आ जाऊंगा” सृजल ने मुस्कुराते हुए सभी से कहा और अलका को खुद से अलग किया।

“वैसे वहाँ पर तो तेरी जान-पहचान के भी काफी लोग होंगे ना? आखिर 4 साल वहाँ रहा है” आनंद ने कुछ सोचते हुए कहा

“हाँ कुछ दोस्त है वहाँ पर” सृजल ने भी जवाब दिया

“सर!” अपने पीछे से आई आवाज को सुनकर सृजल मुड़ा “रशिया जाने वाली फ्लाइट का टाइम हो गया है, आप देरी न करे” वहाँ के एक गार्ड ने सृजल के पास आकर कहा

“ठीक है तो मैं निकलता हूँ वरना फ्लाइट मिस हो जाएगी” कुछ हंसते हुए सृजल फ्लाइट की ओर आगे चल दिया जहां से रनवे(Run Way) का गेट था। आनंद,अलका और रूबी उसे हाथ हिला कर बाय करते रहे जब तक कि वो उनकी आंखों के ओझल न हो गया।

“चलो, आज का खाना कहीं बाहर चल कर खाते है। वैसे भी आज आफिस जाने का मन नहीं है” रूबी ने आगे चलते हुए उन तीनों से कहा

“यानी आज की छुट्टी!” आनंद खुशी से उछलता हुआ बोला और वे सभी अपनी कार में बैठ कर रवाना हो गया।

किजिल, रशिया

सृजल की फ्लाइट को लैंड हुए काफी वक्त हो चुका था। रूस में भी अब शाम हो चुकी थी और सृजल अपनी पुरानी जगह जहाँ पर उसने 4 साल गुजारे थे वहाँ पहुंच गया था यानी किजिल में! किजिल शहर काफी खूबसूरत था, खास कर ये शहर बहुत ही लाजवाब बौद्ध प्रतिमाओं के लिए जाना जाता है। और बाकी बड़ी-बड़ी सिटीज से अलग ये शहर तालाब और जंगल के छोर से लगा हुआ है जिससे इसकी अपनी एक पहचान और झलक बनती है। इसे एशिया का मध्य बिंदु भी कहा जाता है पर एक बात का हमेशा ध्यान रखें!....... ये रशिया का सबसे खतरनाक शहर भी है जहां पर कोई भी टूरिस्ट आने से कतराता हैं,यहां पर गैंगस्टर और माफियाओं के राज है जो अक्सर दिन में नहीं दिखाई देते पर रात सिर्फ इन्हीं के नाम होती है।

सृजल के ठीक सामने एक बहुत बड़ा बार था जो कि किजिल के एकदम बीचों-बीच था। किसी याद में खोट हुए सृजल मुस्कुराया और अंदर दाखिल हुआ, अभी शाम में वक्त था वरना बार के बाहर बंदूकधारी गार्ड्स खड़े रहते थे........ अंदर जाते ही सृजल ने आसपास नजर डाली। जगह-जगह पर लकड़ी की टेबलों पर नशेड़ियों और शराबियों की महफिल जमी हुई थी, वो सभी काफी मजे में लग रहे थे। कोई शराब पीते हुए गाना गाते हुए झूम रहा था तो कुछ लोग ऐसे भी थे जो पैसों से भरे बैग लिए किसी तरह की सौदेबाजी कर रहे थे। पर इन सब में दो बात एकदम समान थी, पहली तो ये की वे सब पक्के गुंडे लग रहे थे सिवाय कुछ डीलर्स के जो कि सूट पहने हुए थे पर फिर भी गुंडे ही लग रहे थे.....और दूसरा ये कि... सभी के पास गन्स थी!

“येsssss.. सृजल मेरे भाई! आजा गले लग जा मेरी जान” एक लंबा सा बाईं हाथ पर टैटूधारी मनुष्य जिसके बाल कुछ लंबे और कपडे बहुत ही ढीले थे..आकर सृजल के गले लग गया।

“यार मुझे तो लगा था कि तू अब तक कुछ नया करने लगा होगा पर तू तो अभी तक वेटर का ही काम कर रहा है” उससे गले मिल आगे काउंटर के पास जाकर बैठे हुए सृजल बोला

“क्याssssssss.....!” उस टैटू वाले लड़के ने अजीब सा मुँह बनाते हुए कहा “अबे मैं अब इस बार का मालिक हूँ”

“क्याssssss!” ये सुन कर तो इसबार सृजल के होश उड़ गए

“हां भाई। मैंने और जेसिका ने शादी कर ली है यार......उसके पिता की मृत्यु से ठीक 2 दिन पहले हम दोनों की शादी खुद उसके बाप ने करवाई थी” सृजल को समझते हुए वो बोला

“तो यार रिक, तेरे तो मजे ही हो गए। अब तो तेरी नॉकरी करने के दिन गए यार” सृजल ने इम्प्रेसस होते हुए कहा

“नहीं भाई! मालिक जरूर हूँ पर काम करना अभी भी बंद नहीं किया, इस बार को चलाना उतना भी आसान नहीं है जितना अपन ने सोच रखा था” रिक ने सृजल के पास उन लकड़ी से लंबे-लंबे स्टूल पर बैठते हुए कहा

“वैसे मैंने जो काम दिया था वो हुआ कि नहीं? मुझे जल्दी ही घर वापस जाना है” सृजल ने उसे कुछ गंभीर होते हुए पूछा

“अरे हाँ, मैंने काफी खोजबीन की तो पता चला कि ओब....!” रिक की आवाज अचानक रुक गयी

“अबे जरा धीरे बोल,पूरे बार को सुनाएगा क्या?” सृजल ने उसे अपने पास खींच कर कान में कहा

“ओके, ओबर नाम का कोई अफ्रीकन यहां पर आया है और उसके साथ 2 बच्चे भी है पर उसने उन्हें कहाँ रखा है यह ठीक-ठीक नहीं पता चला। वो बहुत ही खतरनाक है इसलिए मुझे अपने खबरियों ने भी सावधान रहने को कहा है”

“ठीक है, वो जगह को सी है जहां पर वो मिल सकता है?”

“वो शहर के छो..!”

“धाडssssss!” किसी चीज के पटकने की आवाज से रिकी बीच में ही बताते-बताते रुक गया, देखने के लिए की क्या हुआ वो दोनों एकसाथ काउंटर की ओर मुड़े

“कितनी बार कहा है रिकी! फालतू की मगजमारी मत किया कर, तेरी काम चोरी की वजह से वैसे ही धंधे में बहुत नुकसान हो गया है ओर ये तू किस छिछोरे के साथ................, सृजल!” जैसे ही जेसिका ने रिकी के साथ सृजल को देख वो चोंक पड़ी और फिर एकदम से उसके चेहरे पर मुस्कान छा गयी।

“अरे सृजल, कैसा है रे तू” जेसिका ने सृजल को काउंटर के ऊपर से ही बाहों में घेर लिया और एक जोर की झप्पी दी। और जैसे ही उसने सृजल को छोड़ा, उसकी आंखें रिक की ओर तन गयी “क्यों बे रिक के बच्चे! तूने बताया क्यों नहीं कि सृजल आने वाला है” गुस्से में उसके सफेदबालों के बीच सफेद चेहरा गुस्से से लाल हो गया।

जेसिका के लाल गाल देख कर रिक की तो हालात पतली हो गयी, अब उसे जल्दी से सोचना था कि इस बात का क्या जवाब दे क्योंकि वैसे तो जेसिका बहुत ही प्यारी लड़की है पर उसका गुस्सा बहुत ही बेकार था........

“वो रिक से मैंने ही कहा था कि मैं तुम्हे सरप्राइज देना चाहता हूँ...पर मेरा प्लान थोड़ा सा फेल हो गया” सृजल ने थोड़ी मासूमियत के साथ कहा तो जेसिका का दिल पिघल सा गया और उसका गुस्सा भी शांत हो गया। जेसिका से नजर बचा कर रिकी ने काउंटर के नीचे से सृजल से हाथ मिलाया और राहत की सांस ली

“मैं तेरे लिए तेरी पसंद की मॉस्को म्यूल बनाती हूँ, तब तक तुम दोनों गप्पे लड़ाओ” वो मुस्कुराती हुई आगे शराब की बोतलों वाली अलमारी के पास चली गयी और कुछ बोतलें उठाने लगी।

जेसिका काफी बदल चुकी थी, 6 साल पहले जब सृजल यहां पर 4 साल रुका हुआ था तब जेसिका दुबले पतले शरीर की छरहरी लड़की थी। उसके बाल बहुत ही उलझे हुए से रहते थे और उसका पहनावा एकदम सड़कछाप गुंडों जैसा था, इसी कारण उसकी और उसके पिता की कम ही बनती थी पर यह बात बहुत कम ही लोग जानते थे कि जेसिका और उसके पिता के बीच कितना प्यार था। और आज की जेसिका तो बिल्कुल ही बदल चुकी थी! अब उसका शरीर पहले से काफी आकर्षक और भारी हो चुका था, उसके घांस-फूंस जैसे बाल अब एकदम सीधे और चमकदार हो चुके थे, सुकडे गालों की जगह आडू जैसे चिकने गाल आ चुके थे और जिसने कभी सन-ग्लासेज के अलावा कोई चश्मा नहीं पहना था वो जेसिका आज बड़ा सा गोल चश्मा पहनी हुई थी। उसके ऊपर से उसने काली पेंट सफेद शर्ट,ऊपर से आधा काला कोट और छोटी सी नेक-टाई पहनी हुई थी, ये वेटर वाली ड्रेस में वो बहुत फब रही थी।

“क्या भाई?!” रिक ने सृजल के सामने चुटकी बजा कर उसे होश में लाया “अब शादी हो चुकी है हमारी, मेरी वाली पर यूँ नजरें न गड़ा, हांsssss” रिक ने सृजल की टांग खींचते हुए कहा

“तू भी ना रिक! मैं तो सिर्फ ये देख रहा था कि वो कितना बदल गयी है” सृजल ने सफाई देते हुए कहा

“तू अकेला नहीं है जो उसे इस तरह घूरें जा रहा है” रिक की ये बात सृजल को कुछ समझ नहीं आयी तो रिक ने सृजल को मुंडी घुमाने का इशारा किया।

सृजल ने जो मुंडी घुमाई तो बस देखता ही रह गया। आधे से ज्यादा लोग तो दारू पीने की जगह जेसिका को ही देखे जा रहे थे, कई तो नशे में चूर जेसिका के सपनों में खोय हुए थे और कुछ तो उसके पास जाकर स्पेशल ड्रिंक बनाने की रिक्वेस्ट कर रहे थे और उनकी भी लाइन लगी हुई थी यार! कुछ भी कहों, सुंदरता के दीवाने हर जगह मौजूद होते है और उनकी आंखें बस उस सुंदरता को देखना चाहती है और कुछ नहीं!

“ऐसा है तो फिर ये बार तो एकदम फर्स्ट-क्लास चलता होगा, नहीं” सृजल ने मुस्कुराते हुए कहा

“हां..... सही कहा...” रिक ने जवाब तो दिया पर उसकी मुस्कुराहट में इस बार वो बात नहीं थी जो अभी कुछ देर पहले थी। इसलिए सृजल को किसी गड़बड़ का अनुमान हो गया.......

“ये लो, तुम्हारी पसंदीदा मास्को म्यूल कहते हुए जेसिका ने 2 कॉपर के मग उन दोनों के सामने रख दिये जिसमे बर्फ और नींबू के बड़े गोल टुकड़े साफ दिख रहे थे।

“बिया!” जेसिका ने कुछ दूर खड़ी एक लड़की को आवाज लगाई “मैं 15 मिनट का ब्रेक ले रही हूँ तुम तब तक संभाल लेना”

“जी मैम!” उधर से उस लड़की का जवाब भी आ गया

जेसिका ने अपने लिए भी एक मोस्को म्यूल बनाया था और अब वो तीनों आपस में बैठ कर पी रहे थे। पुरानी यादें ताज़ा हो गयी, सृजल और रिक दोनों यहीं पर पार्टटाइम वर्क किया करते थे। दोनों का कॉलेज भी एक ही था। रिक वो पहले बंदा था जिसने सृजल से ढंग से बात भी की थी और उसे एक कमरा दिलाने में मदद भी। इसी बीच जब वो दोनों बार में काम करते थे तभी से जेसिका और इन दोनों का मिलना जुलना हुआ करता था और धीरे-धीरे उन तीनों की दोस्ती गहरी हो गयी। जब भी जेसिका अपने पिता से झगड़ा करके भाग खड़ी होती थी, सृजल और रिक ही उसे वापस घर लेकर आते थे। इस वजह के उन दोनों की जेसिका के पिता से भी जान-पहचान हो गयी थी। उसके पिता बहुत ही इज्जतदार व्यक्ति थे खासकर जब कोई ऐसी खतरनाक जगह पर रहता हो जहां पर ख़ौफ़ के अलावा और कुछ नहीं होता, इज्जत की कीमत ही कुछ और हो जाती है। कुछ देर इसी तरह बात करते हुए समय गुजारा और काफी अच्छा महसूस हो रहा था तीनों को।

“ये वाली मॉस्को म्यूल अब मेरी पसंदीदा बन गयी है” सृजल ने अपनी ड्रिंक खत्म करते हुए कहा

“चलो, कम से कम इसी बहाने तुम रशिया आते रहोगे”

जेसिका ने मुस्कुरा कर कहा और सृजल ने ‘हाँ’ में सर हिलाया

मॉस्को म्यूल- अच्छे कारण के लिए लोकप्रिय, मास्को म्यूल गर्म गर्मी के दिन में सबसे ताज़ा चीजों में से एक है। इसका सुझाया हुआ बर्तन, एक तांबे का मग, भी सिर्फ तेज दिखता है। - 2 औंस वोदका - 4 से 6 औंस अदरक बियर - .5 औंस नींबू का रस मास्को म्यूल मग में नींबू का रस निचोड़ें। दो या तीन बर्फ के टुकड़े डालें, वोदका डालें और ठंडी जिंजर बीयर भरें। हिलाओ और परोसें

जब भी कोई अच्छा माहौल चल रहा होता है तभी कोई न कोई गड़बड़ होनी जरूरी रहती है। अभी वो तीनों अच्छे से बात ही कर रहे थे कि किसी ने बाहर के दरवाजे को जोर से लात मार कर खोला जिससे सभी का ध्यान उस ओर खिंच गया। काले सूट में कुछ 10-12 लोग वहां पर खड़े हुए थे और जैसे ही उसकी निगाहें जेसिका पर पड़ी एक अजीब सी हंसी उसके चेहरे पर छा गयी। वो आगे बढा और उसने सामने की एक टेबल पर अपने जेब में हाथ डाले हुए ही एक लात में तोड़ दी

“जेसिका!” वो चीखते हुए बोला “आज पूरा एक महीना हो गया है और तुम दोनों ने अब तक हमारा कर्ज वापस नहीं किया........तो अब सजा भुगतनी के लिए तैयार हो जाओ”

उसने जेसिका या किसी को भी मौका नहीं दिया कुछ भी बोलने का और सीधे उसके साथी वाहन के लोगों को मारपीट करके सामान तोड़ने लगे। पर किसी ने भी इस बात का विरोध नहीं किया जिससे ये बात तो साफ जाहिर हो गयी कि ये लोग कोई आम गुंडे नहीं थे बल्कि किसी ऑर्गनिसशन से थे। तोड़फोड़ रोकने के लिए जल्दी से जेसिका उसके पास पहुंच गई, आमने-सामने।

“मिस्टर अल्बर्ट!” जेसिका के चेहरे पर गुस्सा था पर उसका लहजा नरम ही था “आपने कहा था कि हम किश्तों में आपको पैसे दे सकते है और हम दे भी रहे है। फिर आप अपनी बात से पलट क्यों रहे है?”

जेसिका को जवाब देते देख उसके सारे गुंडों ने तोड़ फोड़ रोक दी और अल्बर्ट के पीछे जाकर खड़े हो गए जैसे उसका दबदबा दिखाने की कोशिश कर रहे हो।

“वो बहुत पुरानी बात हो चुकी है, अब हमें पैसों की जरूरत है इसलिए या तो अभी उधार चुकता करो ये फिर ये बार हमारे हवाले करो”

“मैं आपसे विनती करती हूँ सर अल्बर्ट!” जेसिका ने उस अल्बर्ट के सामने सर झुकाया और बहुत ही नरम भाव से कहा “अगर आप कुछ और समय दे देते तो अच्छा होता”

सृजल को जेसिका का इस तरह माफी मांगने जैसा तरीका बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा, वो अभी उसके पास जा ही रहा था कि रिक वहां पर पहुंच गया। उसके हाथ में एक पेपर था, किसी तरह उसने खुद का गुस्सा छुपाये रखा

“उसकी कोई जरूरत नहीं है मिस्टर अल्बर्ट” रिक ने जाकर जेसिका को संभाला, उसे वापस अदब से खड़ा किया “ये रहे वो पेपर जिसमे तुम्हारे बॉस के साइन है और इसमें साफ लिखा है कि पैसे 2 महीने के अंदर वापस करने है। तो आप हम पर कोई भी जबर....!”

अभी रिक ने अपनी बात पूरी नहीं कि थी कि अल्बर्ट ने उसके हाथ से वो पेपर छीन कर पीछे अपने साथी को दे दिया जिसने सभी के सामने उसे फाड़ कर फेंक दिया। अब रिक का गुस्सा छुपे नहीं छुप रहा था, वो मुट्ठियाँ भींचे अल्बर्ट की ओर बढ़ता कि जेसिका ने उसे रोक कर इशारे में मना कर दिया। ये देख कर उस अल्बर्ट की हंसी बदल गयी। अब वो और भी लालसा भरी हो गयी थी जैसे हिरण को देख कर लकड़बघ्हो के मुँह में पानी आ जाता है

“वैसे एक तरीका है जिस से तुम्हारी मोहलत बढ़ सकती है” वो लार टपकती नजरों के साथ अपना हाथ जेसिका की ओर ले गया “अगर तुम एक रात के लि........!”

“तुम्हे नहीं लगता तुम कुछ ज्यादा ही लालची और घटिया इंसान होते जा रहे हो” जेसिका की और जाता उसका हाथ और उसके मुंह के शब्द सृजल ने पूरे होने से पहले ही रोक दिए। उसका हाथ पकड़ कर वापस नीचे कर दिया।

सृजल को ऐसा करता देख अचानक से मौत सी शांति छा गयी, जैसे किसी भड़के हुए जानवर से बचने के लिए अपनी सांसे थाम ली गयी हो। सभी लोगों की नजर अब सिर्फ इस बात पर टिकी हुई थी कि आज तक किसी ने भी “ब्लैक बुलेट” ऑर्गेनाइसशन से पंगा लेने की कोशिश नहीं कि थी, जिसने भी ऐसा किया उसका फिर कभी कोई पता नहीं चला। तो आज देखना ये था कि आखिर सृजल के साथ क्या होने वाला था..........

“लगता है तुम्हे अपनी जान प्यारी नहीं है जो मुझसे, “अल्बर्ट ब्लैन” से बदसलूकी करने की कोशिश कर रहे हो” अल्बर्ट ने सृजल के सर पर बंदूक रख कर कहा सोचते हुए की आज एक बार फिर लोगों में उसकी दहशत बरकरार कर दी जाएगी और इसका उदाहरण होगा....सृजल।

“सृजल तू..म....?”

“मैं संभाल लूंगा जेसिका, वैसे भी बहुत सहन कर लिया तुमने” जेसिका की बात काटते हुए सृजल ने नजर अल्बर्ट पर टिका दी।

“ओह, तो मिस्टर हीरो को जेसिका पर दया आ रही है” मुँह बनाते हुए वो बोला “पर अफसोस तुझे मारने के बाद मैं जेसिका को.........!?”

“किजिल शहर का एक अपना नियम है मिस्टर अल्बर्ट!”: सृजल ने उसकी बात काटते हुए और आंखों में आंखे डालते हुए कहा “यहां पर बड़ी लड़ाइयां हथियार से और छोटी लड़ाइयां हाथ से सुलझाई जातीं है। तो मैं तुम्हे एक तरकीब बताता हूँ, तुम यहाँ पर कितने लोग हो?..अ.... म..”

“13! पूरे 13 लोग है” पीछे खड़े एक हट्टे-कट्टे भारी आवाज के 6 फुटिये ने जवाब दिया, जिस पर सृजल गिनती छोड़ मुस्कुराया

“तो हम लोग एक डील करते है, तुम 13 लोग मुझसे इसी वक्त...वन-ओन-वन(One on one) फाइट करोगे। अगर तुम में से किसी एक ने भी मुझे हरा दिया तो मैं इस बार के कर्ज का 4 गुना पैसा दूंगा और अपनी नाक रगड़ के तुम से माफी मागूंगा....”

“आइडिया काफी अच्छा है, क्यों ना तुम अभी से नाक रगड़ना शुरू कर दो....तुम्हारी मौत आसान हो जाएगी” अल्बर्ट ने तीखी आवाज में कहा

“और अगर मैंने तुम सब को हरा दिया तो तुम सारा कर्ज माफ कर दोगे और जेसिका के पेरों में नाक रगड़ कर माफी भी मांगोगे और फिर कभी यहां पर नहीं आओगे”

सृजल की बात सुनकर वो 13 के 13 आग बबूला हो गए। अल्बर्ट ने गन की सेफ्टी हटा दी और ट्रिगर पर हाथ रखते हुए गुर्राया

“अफसोस तुम्हारी ये बकवास यहीं पर खत्म करनी होगी.. और हमारे बीच कोई भी डील नहीं होगी” वो ट्रिगर दबाने ही वाला था कि

“क्या मिस्टर अल्बर्ट एक एरे-गेरे की बातों से डर गए...” सृजल की ये बात सुनते ही उसने चुप-छाप गन वापस अपनी जेब में रख ली और पीछे आ गया

“थोड़ी जगह बनाओ साथियों! किसी की लाश दफन करनी है” उसके साथियों ने आस-पास की बची कुची टेबलों को वहां से हटाया और एक साफ मैदान सा बना दिया। सभी लोगों की नजरें इसी तरफ आ गयी, जाम की बोतलें एक बार फिर लगने लगीं......

“सृजल, तुम्हे ये सब करने की कोई जरूरत नहीं है। ये लोग बहुत खतरनाक है अगर तुम्हें कुछ हो गया तो मैं खुद को कभी माफ नहीं कर पाऊंगी। इसलिए तुम्हे...?!”

“जो दोस्त समय पर काम न आये वो दोस्त कैसे!” सृजल ने पीछे मुड़ कर जेसिका के कंधे पर हाथ रखा, उसका स्पर्श लगते ही सख्त कंधों ने खुद का बोझ उतार फेंका “ वैसे भी मैं तुम पर कोई अहसान नहीं कर रहा हूँ बस तुम्हारे ड्रिंक की कीमत अदा कर रहा हूँ, यहीं समझ लो”

रिक ने जेसिका को पीछे अपने पास खींच लिया और उसे शांत रहने को कहा। अब सब कुछ सृजल के ऊपर था, लोगों की नजरें भी और जेसिका-रिक की उम्मीदें भी!

“तो शुरू करें मिस्टर अल्बर्ट” सृजल ने अपने शरीर को ढीला करते हुए कहा

“शुरू नहीं, खत्म करते है!” आंखे फाड़े वो गुर्राया

उसने इशारा किया और पीछे से वहीं सबसे हट्टा-कट्टा आदमी सामने आया। अल्बर्ट और उसके साथी बहुत तीखी हंसी हंस रहे थे, उन्हें उस 6 फुटिये पर पूरा भरोसा था। ऊपर से सृजल ने बहुत हल्के कपड़े पहन रखे थे जिस कारण उसका गठीला शरीर बिल्कुल भी नहीं दिख रहा था। लड़ाई का मजा लेने के लिए जाम तैयार थे, पर सभी को मालूम था कि सृजल जिस से लड़ने जा रहा है वो बहुत ही ताकतवर फाइटर है जिसने के लोगों को बिना हथियार के मारा था

और आज सभी सृजल की सलामती की दुआ मांग रहे थे।

सृजल अपनी जगह पर आराम से खड़ा हुआ था, वो 6 फुटिया उसके करीब ऐसे आया जैसे बगीचे में घूम रहा हो और उसने सृजल का एक कंधा बहुत जोर से पकड़ लिया। उसके दबाव के कारण सृजल का शरीर थोड़ा झुक गया......और इसी वक्त अल्बर्ट चीखा

“बोल्डर! गर्दन उखाड़ दे उसकी!” उसके साथियों ने भी उसे प्रोत्साहन दिया और वहां जेसिका के डर के मारे रोंगटे खड़े हो गए।

बोल्डर ने अपना पंजा किसी जंगली जानवर की तरह सृजल की गर्दन में दे मारा जैसे कोई तलवार सर उड़ाने जा रही हो। सृजल को जैसे ही बोल्डर का वार लगा उसकी गर्दन टेढ़ी हो गयी और बोल्डर के साथी खुशियाँ मनाने लगे....पर कहते है ना, जल्दी कि खुशी ज्यादा देर नहीं टिकती। अचानक लोगों की आंखों में चमक देख कर और उनके होश उड़ते देख अल्बर्ट भी आश्चर्य में पड़ गया जब उसने बोल्डर को कांपते हुए देखा।

असल में जैसे ही बोल्डर का पंजा सृजल कंधे के अंदर आया सृजल ने गर्दन में टकराने से पहले ही अपने जबड़े की हड्डी से उसका हाथ पकड़ लिया जब अल्बर्ट ने ये देख तो उसकी तो हालात ही खराब हो गयी। सृजल ने उसके उसी हाथ को काले के पास इतनी जोर से पकड़ कर उसके ही चेहरे की तरफ मोड़ा की उसकी चीख निकल गई

“आआआआ ssssssss ह........!” और उसके अपने घुटनों पर आते ही सृजल ने उसे ऐसा मुक्का मारा की बोल्डर का जबड़ा ही अपनी जगह से हिल गया और सभी के सामने बोल्डर न निढाल शरीर जमीन पर गिर पड़ा।

ये देख कर तो जी बार के लोगों में जश्न सा छा गया और अल्बर्ट में अजीब सा ख़ौफ़। अब सृजल के चेहरे पर वहीं मुस्कान थी जो पहले अल्बर्ट के शहर पर थी, शैतानी।



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