स्वामी और नींबू का अचार
स्वामी और नींबू का अचार
खिड़की का पर्दा हटा दिया हाउस मेट ने तो स्वामी के चेहरे पर मुलायम धूप की चमक पड़ी उसकी आंख खुल गई।
"रोजी पर्दा डाल दो थोड़ा और सोना है "- स्वामी ने कहा।
"स्वामी आज इतना क्यो सो रहा है स्वामी के पापा ने कहा"
"तुम भी तो हर संडे देर तक सोते हो "- दादी बोली
"आज सोमवार है"- उसके पापा बोले।
" अरे स्वामी उठो स्कूल जाना है" - दादी ने आवाज दी।
स्वामी की मम्मी तो बचपन मे ही भगवान को प्यारी हो गई थी तो दादी और पिता ही उसजे साथ है।
स्वामी स्कूल पहुचा तो सभी बच्चे उसको देख कर पूछ पूछ बोल कर चिढ़ाने लगे, स्वामी को समझ नही आता उसको देख कर बच्चे क्यों पूछ पूछ बोलने लगते हैं।
स्वामी की दोस्ती एक अमरीकी लड़के से हो गई है जो कि बाकी बच्चों को पसंद नही आ रहा था। वो सब उसको रमन की पूछ कह के चिढाते थे।स्वामी को ये सब अच्छा नही लगता उस ने सोचा आज वो दोस्तो से बात करेगा
"तुम सब मुझे पूछ पूछ क्यो कहते हो"- स्वामी ने सवाल किया।
"तुम हो ही पूछ रमन की "- मणी बोला।
"ऐसा क्यों कह रहे हो तुम ,वह तो उससे मेरी थोड़ी दोस्ती हो गई है। एक दिन लंच टाइम में उसने मेरा नींबू का अचार खाया उसको बहुत पसंद आया मुझे उसकी चीज सैंडविच पसंद आ गए ऐसे ही दोस्ती हो गई लेकिन तुम मेरे पुराने और पक्के दोस्त हो।"
"ठीक है तो फिर साबित करो हम तुम्हारे पक्के दोस्त हैं"- मणी बोला।
"कर दूंगा साबित बोलो क्या करना है उसके लिए"
"तुम आज रमन को पूल साइड पर बुलाओ उसकी पिटाई करूंगा ,उससे बदला लूंगा; एक दिन उसने मुझसे झगड़ा किया था तब मैं मानूंगा मेरे पक्के दोस्तों हो।"
"ठीक है बुला लूंगा "-स्वामी बोला।
स्वामी मन ही मन सोच रहा है वह पूरी कोशिश करेगा दोनों के बीच दोस्ती कराने की ।शाम को जब रमन पहुंचा तो मणि और स्वामी वहां पहले से मौजूद
"मुझे यहां क्यों बुलाया है?"- रमन ने गुस्से में कहा मणि ने बुलाया है यह सोचकर रमन गुस्से में तो आ ही गया था, इसलिए उसकी आवाज से भी गुस्सा झलक रहा था।
"अरे क्यों बुलाया यह बाद में बताएंगे पहले देखो मैं तुम्हारे लिए नींबू का अचार लाया हूं टेस्टकरोगे तुम दोनों"- स्वामी ने जेब में से डब्बा निकाला।
"अरे वाह नींबू का अचार"- कहकर दोनो लड़के डब्बे पर झपटे।
रमन बोला -" मैं भी तुम लोगों के लिए क्रीम बिस्किट लाया हूं "
बच्चे खाने में व्यस्त हो गए झगड़ा करना भूल गए।