सपनों की हत्या
सपनों की हत्या
"'नहीं मनीष, मैं नहीं चाहती तुम्हारा
कैरियर खराब हो। पहले तुम अपना
मेडिकल कोर्स पूरा कर लो उसके
बाद ही हम शादी करेंगे।"रुचि ने
मनीॆष से कहा।
'पर वह तो शादी के बाद भी किया
जा सकता है। कई लोग शादी के
बाद करते हैं।'
'नहीं मनीष, शादी के पश्चात हमारी
प्राथमिकताएँ बदल जाएंगी। तुम्हारा
ध्यान बंट जाएगा । केवल पाँच वर्षों
की ही तो बात है देखते देखते बीत
जाएंगे।'
"पर रुचि..."
"और फिर मनीष, तुम्हारे मम्मी- पापा की भी कितनी इच्छा है कि तुम डॉक्टर बनो और उनके सपनों को पूरा करो। मैं नहीं चाहती कि हम अपने स्वार्थ के कारण उनके सपनों
की हत्या करें और हत्यारे कहलाएँ।"
"तुम ठीक कह रही हो रुचि अब यही होगा।"
