सफेद दाग
सफेद दाग


कुछ दिनों से रितु के हाथ पैर में सफेद रंग के कुछ दाग उभरने लगे थे।वो अब फूल आस्तीन के कपड़े पहनकर स्कूल आने लगी ताकि कोई देख न सके।आजकल किसी शंका से वह चुपचाप रहती थी।सहेलियों के साथ खेलती भी नहीं थी।बस चुपचाप एक जगह बैठे रहती थी, पढ़ाई में भी उसका मन नहीं लगता था।वह इस दाग के कारण परेशान रहने लगी थी।धीरे धीरे दाग बढ़ने लगा, चेहरे पर भी कहीं कहीं दिखाई देने लगा, अब वह कितना छुपाती।उसकी सहेलियाँ उससे दूर रहने लगी सब यही सोचते कि रितु को कोई बड़ी बीमारी हो गई है। अब तो रितु निराशा के अंधकार में जाने लगी।घर वाले उसका इलाज करवा रहे
थे, पर वह स्कूल जाना छोड़कर घर पर ही रहने लगी। उसकी लगातार अनुपस्थिति से उसकी शिक्षिका को चिंता होने लगी। उन्होंने बच्चों से कारण पूछा तो सबने चुप्पी साध ली।बड़ी मुश्किल से बच्चों ने जवाब दिया कि " रितु को बीमारी है मैम इसलिए वो स्कूल नहीं आएगी "।
शिक्षिका ने बच्चों को समझाया कि सफेद दाग कोई बीमारी नहीं है , रितु के दाग जल्दी ठीक हो जाएँगे। हम सभी उसके साथ कोई भेदभाव नहीं करेंगे और उसको निराश नहीं होने देंगे।
उसकी शिक्षिका रितु के घर गई उससे बात की और स्कूल आने ले लिए मना ली।अब सभी बच्चे उसके साथ अच्छा व्यवहार करने लगे।