सोनम का प्यार
सोनम का प्यार
सोनम शहर के सबसे रोमांटिक और व्यस्त रेस्तरां में काम करने वाली वेट्रेस थीI
सुबह 10 बजे से रात के ग्यारह बजे तक सोनम रेस्तरां में काम करती थीI त्योहारों के समय तो वह 12 बजे तक काम करती थी I सोनम के काम करने का अंदाज सभी को पसंद आता था I वह जब भी किसी टेबल पर मैन्यु देती वह कुछ न कुछ गुनगुनाती रहती या कोई चुटकुला ही सुना देती थीI जिससे रेस्तरां में रौनक आ जाती थी I
आज वेलेंटाइन डे है और सोनम को जल्दी जाना होग I सोनम मन ही मन बोलती है –“बहुत काम है आज जल्दी जाना होगाI और मन ही मन सोचती है आज किसी न किसी लड़के को अपना बना कर रहेगीI
मन में सोच रही थी आज सबसे पहले जो लम्बी सी गाड़ी में होगा I उसे मैं अपने दिल की बात कह दूंगी यह सोचती –सोचती वह चली जा रही थी I और रेस्तरां आ गया I तभी देखती है सामने ....
चमचमाती हुई लाल कार आकर रेस्तरां के गेट पर रूकती हैI सोनम एकटक गेट पर ही देख रही थी I
उसका दिल जोर जोर धड़क रहा थाI वो अपनी बात कहने के लिए बेताब थी I
उसने मेज पर रखा गुलाब का फूल उठाया और गेट की तरफ बढ़ी I
तभी कार का दरवाजा खुलता है ....उसमे से एक मोटा –तगड़ा, हट्टा –कट्टा दुम हिलाता कुत्ता निकलता है I
सोनम का गुलाब कुत्ते के मुँह में और सोनम चुप .....
सोनम सोचती है क्या ये कुत्ता ही नसीब में है इस दिन भी ....सोनम फिर अपने काम में लग जाती है I