संजीवनी
संजीवनी
संजीवनी का नाम सुनते ही सर्वप्रथम प्रभु हनुमानजी का जिक्र आता है, जिन्होंने लक्ष्मण जी के प्राण बचाने के लिए पूरा का पूरा पर्वत उठाकर ले आए थे, क्योंकि उन्हें यह नहीं पता था कि उन सभी बूटियों में से संजीवनी बूटी कौन सी है।
हिन्दू मान्यता के अनुसार, संजीवनी एक चमत्कारी बूटी है। इसमें किसी भी तरह की परेशानी के निवारण की शक्ति है। ऐसा माना गया है कि यह बूटी मृत शरीर में जान डाल सकती है। वैज्ञानिक साहित्य की सूची में कहीं-कहीं संजीवनी का उल्लेख सेलाजिनेला ब्रायोप्टेरिस के रूप में किया गया है। प्राचीन ग्रंथों की खोज में अब तक किसी भी पौधे का खुलासा निश्चित रूप से संजीवनी के रूप में नहीं हुआ है। कुछ ग्रंथों में लिखा है कि संजीवनी अंधेरे में चमकती है।
संजीवनी का अर्थ सभी चीजों के लिए अलग-अलग हो सकता है जैसे- फसलों के लिए समय-समय पर हुई बारिश संजीवनी का काम करती है, जो अपनों से बिछड़े है उनके लिए अपनों से मिलना संजीवनी है, जो कोई बीमार है उसके लिए उस बीमारी से छुटकारा पाना संजीवनी है और आज के कोरोना काल में कोरोना की वैक्सीन संजीवनी है।
