ANIL KUMAR GUPTA

Children Stories Inspirational

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ANIL KUMAR GUPTA

Children Stories Inspirational

समझदारी

समझदारी

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एक जंगल में गधों का एक झुंड रहता था l इन सबके बीच एक गधा था चुन्नू। चुन्नू एक साधारण गधा था। वह ज्यादा दिमाग नहीं लगाता था। किसी भी काम को करने में। इसी वजह से वह बहुत से काम ठीक से नहीं कर पाता था। इस पर बाकी गधे उसका मजाक उड़ाया करते थे। समय बीतता गया। चुन्नू का गधापन उस पर हावी होता गया। और एक दिन वह भी आया जब चुन्नू को खुद से भी चिढ़ होने लगी।

चुन्नू के माता – पिता इस बात को लेकर चिंचित थे कि चुन्नू समझधार कब होगा। और जंगल के जीव उसका मजाक उड़ाना कब बंद करेंगे। वे दोनों चुन्नू के लिए भगवान् से प्रार्थना करते थे। एक दिन उन दोनों के समक्ष एक महात्मा प्रकट हुए। और पूछा – तुम दोनों इतने चिंचित क्यों हो ? इसका कारण मुझे बताओ। तो चुन्नू के माता – पिता ने सारी बातें महात्मा जी को बता दी। तब महात्मा जी ने उनसे कहा कि एक काम करो। यहाँ से दूर पूर्व दिशा में एक आश्रम है। उस आश्रम में चुन्नू को भेज दो और उसे वहां शिक्षा ग्रहण करने दो। इसमें करीब तीन माह का समय लगेगा। पर यह बात तुम जंगल में किसी को नहीं बताना वरना लोग तुम पर हँसेंगे।

चुन्नू के माता – पिता चुन्नू को लेकर दूर आश्रम में भरे मन से चुन्नू को छोड़ आते हैं। आश्रम में चुन्नू को काम को करने के तरीके के साथ – साथ सही निर्णय किस तरह लिया जाता है इस सब बातों का प्रशिक्षण दिया जाता है। चुन्नू आश्रम के सभी नियमों का पूर्णतः पालन करता है और धीरे = धीरे सभी कार्यों में पारंगत हो जाता है। कार्यों के प्रति उसकी लगन देख आश्रम के संत महाराज बहुत खुश होते हैं। और करीब तीन माह बाद चुन्नू को वापस उसके घर भेज देते हैं। चुन्नू का चिड़चिड़ापन ख़त्म हो जाता है।

चुन्नू के जाने के बाद जंगल के जीव चुन्नू के माता – पिता से चुन्नू को जंगल में न होने की वजह बार – बार पूछते हैं। पर चुन्नू के माता – पिता चुप्पी साध लेते हैं और महात्मा जी की बात को ध्यान में रखते हुए किसी को सच नहीं बताते। इधर तीन माह बाद चुन्नू वापस जंगल आ जाता है। सभी उससे तीन महीने घर से दूर रहने की बात पूछते हैं। पर वह कुछ नहीं बताता। चुन्नू सारे काम ठीक से करने लगता है और साथ ही जंगल के दूसरे जीवों को भी काम ठीक तरह से किस प्रकार किया जाए यह समझाने लगता है। धीरे – धीरे चुन्नू की ख्याति बढ़ने लगती है। आसपास के जंगल से भी जानवर अब चुन्नू से राय लेने आने लगते है। चुन्नू में असाधारण परिवर्तन देख जंगल के सभी जीव चुन्नू को “जंगल का सलाहकार” पद से सम्मानित करते हैं। चुन्नू के माता – पिता चुन्नू को सम्मानित देख खुश होते हैं।


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