स्माइली Prompt 2
स्माइली Prompt 2
एक छोटी सी प्यारी सी लड़की कानन के पास एक प्यारे से छोटे से घर में अपने मम्मी -पापा के साथ रहती थी । हमेशा मुस्कुराते रहने के कारण सब उसे स्माइली कहते थे।एक दिन स्माइली की नानी की एक पड़ोसी ने उन्हें नानी की बीमारी के बारे में बताया। स्माइली और उसकी माँ ने नानी की देखभाल करने के लिए ,नानी के गांव जाने का निर्णय लिया। नानी कानन के दूसरे छोर पर रहती थी।लेकिन स्माइली की माँ फिसलकर गिर गयी । गिरने से माँ के पैर में मोच आ गयी और अब माँ स्माइली के साथ नहीं जा सकती थी। माँ ने स्माइली से कहा, "अब, आपको नानी के घर पर अकेले ही जाना होगा। रास्ते में किसी भी अजनबी से बात मत करना ,सीधा नानी के घर पर ही जाकर रुकना। रास्ते में सावधान और होशियार रहना। "स्माइली अपनी माँ की बात मानकर नानी के घर जाने के लिए रवाना हो गयी।
जब वह कानन से गुजर रही थी, तभी उसने एक केसरी को कराहते हुए सुना और केसरी दर्द से कराह रहा था। उसके कराहने की आवाज़ सुनकर स्माइली भागने ही वाली थी कि उसने देखा कि केसरी उसकी तरफ आ रहा है।उस पर हमला करने के बजाय केसरी दर्द से कराह रहा था और स्माइली ने देखा कि केसरी अपने दाहिने पंजे को पकड़े हुए था, जो खून से लथपथ था और बहुत सूज गया था। स्माइली ने देखा कि केसरी के पंजे में एक बड़ा सा काँटा चुभा हुआ था। उस कांटे के कारण ही केसरी दर्द से कराह रहा था।
स्माइली ने केसरी के पंजे से काँटा निकाल दिया। केसरी ने अपनी गर्दन हिलाकर अपनी ख़ुशी और आभार व्यक्त किया।स्माइली थोड़ा आगे बढ़ी तो उसकी मुलाकात एक भेड़िये से हुई। भेड़िये ने स्माइली से पूछा कि वह कहां जा रही है।
"मैं अपनी नानी के घर जा रही हूं।"
"वो कहाँ रहती है?" भेड़िये ने पूछा।
"मेरी नानी उस घंटाघर के दूसरी तरफ रहती है। ",स्माइली ने भेड़िये को ऊँगली के इशारे से दिखाया।
भेड़िया स्माइली से ज्यादा तेज़ गति से भागकर नानी के घर पहुँच गया।
भेड़िये ने नानी के घर का दरवाज़ा खटखटाया ," ठक ठक ठक"
"कौन है?" नानी ने पूछा।
" मैं आपकी नातिन स्माइली ," भेड़िये ने नानी को नकली आवाज़ में को जवाब दिया।
"तुम्हारी आवाज़ को क्या हुआ?" नानी ने पूछा।
"मुझे सर्दी और खांसी हो रही है।" भेड़िये ने जवाब दिया।
नानी ने पुकारा, "स्ट्रिंग खींचो, और कुंडी ऊपर जाएगी।"
भेड़िये ने तार खींचा और दरवाजा खुल गया और फिर उसने तुरंत नानी को पकड़ लिया और नानी के मुंह , हाथ और पैर बांधकर नानी को कुर्सी से बांधकर दूसरे कमरे में बंद कर दिया।
इसके बाद उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया और नानी के बिस्तर पर जाकर लेट गया। वह स्माइली के आने का इंतज़ार करने लगा।
स्माइली नानी के घर का दरवाज़ा खटखटाया ," ठक ठक ठक"
"वहाँ कौन है?" भेड़िया ने पूछा।
"मैं आपकी नातिन स्माइली ,"
भेड़िया चिल्लाया, "स्ट्रिंग खींचो, और कुंडी ऊपर जाएगी।"
स्माइली ने स्ट्रिंग खींची, और दरवाजा खुल गया।
"ओह, नानी , आपके हाथ इतने बड़े -बड़े क्यों है । " उसने कहा।
"तुम्हें अच्छे से गले लगाने के लिए, बिटिया रानी ।" भेड़िये ने जवाब दिया।
"अरे आपके तो कान भी बड़े -बड़े हैं । ",स्माइली ने पूछा .
ताकि बिटिया आपको अच्छे से सुन सकूँ । "
"और इतनी बड़ी -बड़ी आँखें । ",स्माइली ने दोनों हाथ गालों पर लगाते हुए पूछा ।
"आपको बेहतर देखने के लिए।"
"नानी , आपको कितने बड़े-बड़े दांत हैं!"
अचानक भेड़िया का पेट फूल गया और उसे याद आया कि वह कितना भूखा था। उसने जवाब दिया, "आपको खाने के लिए ।"
अब स्माइली समझ गयी थी कि उसकी नानी बिस्तर पर नहीं थी। तब ही वह केसरी जिसकी मदद स्माइली ने की थी ,वहां से गुजरा। वह प्यासा केसरी
पानी पीने के लिए तालाब जा रहा था।
जब स्माइली मदद के लिए चिल्लाई , तो केसरी उसकी मदद के लिए आया। जैसे ही भेड़िये ने केसरी को देखा, वह वहां से भाग गया। स्माइली अपनी नानी के पास चली गई, जो अभी भी बंधी हुई थी। स्माइली ने केसरी की मदद से नानी को बंधनों से मुक्त किया।
नानी स्माइली को देखकर बहुत खुश थी। स्माइली ने नानी को पूरी कहानी सुनाई।
स्माइली द्वारा केसरी की मदद किया जाने पर नानी ने उसकी प्रशंसा की । लेकिन नानी ने स्माइली को भविष्य में सावधानी पूर्वकरहने और अजनबियों को घर की हर बात न बताने के लिए समझाया।
