Gita Parihar

Children Stories Inspirational

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श्रीमद भगवत गीता

श्रीमद भगवत गीता

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बच्चों, आज की हमारी चर्चा का विषय है श्रीमदभगवद गीता।"

"चाचा जी, मेरे घर पर भी भगवतगीता है और दादी रोज पढ़ती हैं।" महिमा ने कहा।

"बच्चों, भगवत गीता यूं तो एक छोटी सी पुस्तक है जिसमें महाभारत के 700 श्लोकों का संकलन है किंतु मानव जीवन की समस्याओं को सुलझाने का इससे अधिक शक्तिशाली हल और किसी भी पुस्तक में नहीं है।"

"चाचा जी, मेरी अम्मा भी कहती हैं कि इसमें समस्त धर्म शास्त्रों का ज्ञान है।" दामिनी ने बताया।

"धर्म शास्त्रों के ज्ञान के साथ-साथ विज्ञान का अथाह सागर अगर भगवत गीता को कहें तो अतिशयोक्ति न होगी। समस्त विश्व के विचारकों ने इसकी महत्ता को स्वीकार किया है।"

" ‌‌‌चाचा जी, क्या श्रीमद भगवत गीता का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी है?" करुणेश ने जानना चाहा।

"हां करुणेश, बाइबल के अलावा श्रीमद भगवत गीता एक मात्र ऐसी पुस्तक है जिसका अनुवाद विश्व की समस्त जीवित भाषाओं में हुआ है।

 इसे पढ़ने, सुनने और मनन करने के बाद नश्वरता एवं कर्तव्य की महत्व को पहचानना आसान हो जाता है।"

"चाचा जी, हमने अक्सर देखा है कि भारत में जब भी कोई विदेशी राजनीतिज्ञ आते हैं तो उन्हें भगवद्गीता भेंट की जाती है, क्या यह इतने सम्मान की बात है?"गौरव ने पूछा।

"बच्चों, श्रीमद भगवत गीता को संसार भर में समान रूप से सम्मान प्राप्त है। गांधीजी की दैनिक प्रार्थना में भी भगवत गीता को प्रमुख स्थान प्राप्त था।उन्होंने इसका अनुवाद भी किया और टिप्पणियां भी कीं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जेल में हर सत्याग्रही एक गीता अपने साथ जरूर ले जाता था।


"वह क्यों चाचा जी?" विमलेश ने पूछा।

"वह इसलिए कि कर्म करने की शक्ति भगवत गीता से मिलती है आत्म बल बढ़ता है। कहते हैं कि अंग्रेज सरकार को गुप्तचर विभाग ने सूचना दी कि गीता ने स्वराज की आग भड़काई है, तो एक बार गीता को पकड़ने के लिए वारंट जारी कर दिया गया। बाद में पता चला कि गीता कोई मनुष्य नहीं वरना पुस्तक है तब वह वारंट रद्द करना पड़ा।"

"यह तो बहुत हास्यास्पद और मजेदार बात है, चाचा जी!" यामिनी ने कहा।

 "हां यह तो थी मजेदार बात मगर आपको यह भी जानना चाहिए कि राजनीतिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में गीता को अगर श्रेय प्राप्त है तो वहीं आध्यात्मिक श्रेय भी प्राप्त है ,जिस से इनकर नहीं किया जा सकता।" "चाचा जी, अगर इसके पठन-पाठन से और मनन से इतना कुछ हासिल हो सकता है तो राष्ट्र के पुनरुत्थान और अपने अतीत जैसे महान गौरव को प्राप्त करने के लिए जनसाधारण को गीता का सहारा लेना होगा।" ईशान बोला।

 "सही कहा ,आज हम सामूहिकता का महत्व भी भूल गए हैं। व्यक्तिवादी बन गए हैं। हमें संकीर्ण स्वार्थ से ऊंचा उठना है।अपनी सोचने की क्षमता को बढ़ाना है और दिनों- दिन होते हुए पतन से बचना है तो कहना न होगा कि श्रीमद भगवत गीता का सहारा लेना होगा।"

"अब कल से मैं भी दादी से गीता की कुछ सारगर्भित बातों को सीखूंगा।"

"बहुत अच्छे, तो बच्चों ,आज के लिए इतना ही। कल फिर एक नए विषय के साथ चर्चा होगी, नमस्ते।" "नमस्ते और आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, चाचा जी।"



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