सही न्याय
सही न्याय
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कुछ शिकारी जानवर मिलकर रोज ही शेर के शिकार का कुछ हिस्सा योजनानुसार चुरा लेते थे लेकिन एक दिन दुर्भाग्यवश किसी कारण से एक शिकारी जानवर रोज की योजना में शामिल न हो सका और आशा के विपरीत उसे उसका हिस्सा भी नहीं मिला, जो उनके बीच मनभेद का कारण बना। फिर क्या था, उसने आव देखा न ताव योजना राजा के कानों तक पहुंचा दी। परिणाम सभी सोच चुके थे, "जनसंख्या सूची से दस नाम हटने वाले हैं।" लेकिन सजा का अनुपात कुछ यूं रखा गया, कि ग्यारहवें के लिए बाकी दस से दोगुनी सजा निर्धारित की गई, क्योंकि शेर राजा के राज्य में धोखा देना महापाप है।