सब कुछ संभव हो सकता है।
सब कुछ संभव हो सकता है।
किसने कहा किससे कहा ऐसा कौन सा काम है जो हो ही नहीं सकता है। मुझे भी बताओ मैं भी अनजान हूं। हर काम को करती हूं पूरा। लेकिन तब भी सुनने में आता है। किसी से पूछो कि तुम चांद पर जा सकते हो। उत्तर मिलता है ऐसा तो संभव हो ही नहीं सकता। मैं कहती हूं कहां लिखा है किसने लिखा है ऐसा संभव हो ही नहीं सकता। सब कुछ संभव हो सकता है। हर चीज संभव हो सकती है। कहते हैं ना विद्या की जड़े भले ही कड़वी हो पर फल मीठे होते हैं। एक बारी महात्मा बुद्ध जी से एक भक्त ने पूछा, "बुद्ध जी मैं बहुत दूर से आता हूं तब भी मैं अपनी मंजिल को क्यों नहीं पा सकता" तो महात्मा बुद्ध जी ने उत्तर दिया तुम वहां से कैसे आते हो?" उसने उत्तर दिया साइकिल से और जाते कैसे हो साइकिल से। महात्मा बुद्ध जी ने कहा "एक बात बताओ अगर तुम साइकिल से ना जाकर चलकर जाओ तो" तो उसने उत्तर दिया "मेरे को तो बहुत देर हो जाएगी।" तभी महात्मा बुद्ध ने कहा "अपनी मंजिल को भी हम चलकर छू सकते हैं पर उसके लिए मेहनत करना बहुत जरूरी है। अगर हम बिना मेहनत के यूं ही सपने देखें तो वह चीज कैसे हो सकती है।" यहां पर बात असंभव कि नहीं की गई। बल्कि यह बताया गया है अगर आप बिना मेहनत करे सपने देख रहे हो तो शायद वह असंभव हो जाए लेकिन आप मेहनत करने के बाद भी भरोसा रखने के बाद भी अपने मुंह से यह कह रहे हो यह काम असंभव है तो वह चीज तो गलत है। हर एक काम संभव हो सकता है। अपने पर भरोसा विश्वास रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए।