Shailaja Bhattad

Others

3.5  

Shailaja Bhattad

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सास-बहू

सास-बहू

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आज फिर से अचानक पड़ोसी के घर से सास-बहू के जोर-जोर से बातें करने की आवाजें सुनाई देने लगीं। दो महीने पहले भी ऐसी ही आवाजें सुनाई दे रहीं थी। पड़ोसियों ने बताया कि, आवाजें वही हैं। बस प्रेम में अंतर आया है। पहले जहां बहू कहा करती थी "आप क्यों करेंगी माजी? मैं कर लूंगी।" अब बहू कह रही है "आप ही करेंगी मैं क्यों करूं।"

यानी सम्मान और शालीनता की विदाई हुई है और अशिष्टता का गृह प्रवेश ।


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