Shailaja Bhattad

Others

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Shailaja Bhattad

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साहसी कदम

साहसी कदम

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  कितना हल्ला करते हैं बच्चे यहां। यह क्या खेलने की जगह है। घर में दो घड़ी बैठना भी मुश्किल है। कोई कुछ करता क्यों नहीं।

 रश्मि की पड़ोसन रश्मि से शिकायत भरे अंदाज में कह रही थी। तब रश्मि ने जो कि इस बाबत मैनेजमेंट से बात कर चुकी थी और अकेले ही बात करने के कारण उसे निराशा ही हाथ लगी थी, ने अपनी पड़ोसन से कहा

आपको कैसे पता कोई कुछ नहीं कर रहा है। और अगर आपको पता चले तो क्या उनका साथ देने आप सामने आएंगी। वह महिला अपनी बगले झाँकने लगी। दोषारोपण करना आसान होता है। लेकिन साहसी कदम उठाना साहस का काम होता है।


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