रिश्तों के बाजार

रिश्तों के बाजार

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"हाँ मम्मी.... साड़ियाँ सिल्क की ही लेना...मेरा सेट चाहे हल्का हो पर इनकी चेन भारी कर देना...." 

"बच्चे अब अपनी पसंद का ही पहनते है तो उनका तो कैश ही सही रहेगा, वो ले लेंगे अपनी पसंद का..." 

"अरे..मीठा तो यही से ले लेना, कहीं और का इन लोगों को पसंद नहीं आता..."


"अच्छा अब रखती हूँ, थोड़ी जल्दी में हूँ...मेरे यहाँ गृह प्रवेश है भई, तो सबको देना भी तो पड़ेगा..यहाँ पास में साड़ियों की सेल लगी है, सोचती हूँ आज ही ले आऊं,नहीं तो अच्छा माल खत्म हो जायेगा..."



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