पूर्वानुमान
पूर्वानुमान
यश इसी कंपनी में मैनेजर हैं। उनकी पत्नी शर्मिष्ठा आज बड़ी उदास हैं। रात बारह बजे तक जाग रही थी। मंकू उनका छोटा बेटा मोबाइल से चिपका रहता है। ये आदत उसे कैसे लगी - मुझे ज्ञात नहीं। हाँ, मैं अपने पाठकों पर इसका निर्णय छोडता हूँ। हाँ, तो शर्मिष्ठा परेशान हैं, परेशान तो यश साहब भी हैं। उनका बड़ा बेटा 'अप्रतिम' समय से पहले बड़ा हो गया है। कुछ अपने दोस्तों की वजह से, कुछ मोबाइल ज्ञान से और कुछ अपने सूक्ष्म निरीक्षण से। कल रात, उसने अपनी माँ को ढेर सारी बातें बताई। अपने सहपाठियों की शिकायत की।
यश का पूरा परिवार इसी टाउनशिप में रहता है। 650 ब्लॉक में रहनेवाले बच्चे स्कूल से लौटने के तुरंत बाद घर से बाहर निकलने का इंतज़ार करने लगते हैं। खेलने का स्थान भी ढूंढ निकलते हैं । अचानक गेंद कहीं दूर नाले में जा गिरी। अब उसे वापस लाना संभव नहीं था। झगड़े की वजह बनी गेंद का गुम होना। रितेश ने अप्रतिम से कहा कि उसके एक अन्य मित्र ने अप्रतिम के पापा मम्मी के बारे में बहुत कुछ बताया है। मसलन, उसके पापा हाथी जैसे दिखते हैं, वे थाईलैंड गए थे, कंडोम लाने और रात के बारह बजे के बाद उसकी माँ के साथ ... अप्रतिम भड़क गया। उसने रितेश से कहा कि ये सारी बातें तुम्हारे दोस्त ने नहीं बताई। ये सारी बातें तुम्हारे मन की उपज हैं।
यही सारी बातें, झगड़े वाली बात। उसने अपनी माँ को बताई।
बच्चे सो गए हैं । दोनों पति -पत्नी चिंतित हैं। उनकी आँखों की नींद उडी हुई है। उफ ! आजकल के बच्चे । क्या क्या बातें करते हैं। एक बार तो मन किया जाऊ रितेश के घर और उसकी ऐसी की तैसी कर दूँ। सुबह उठा तो आँखें लाल। बच्चों का स्कूल टाउनशिप में ही था। सुबह उठ कर एक आवेदन तैयार किया-
प्राचार्य महोदय,
बड़े दुख के साथ लिखना पड़ रहा कि आपके विद्यालय के एक छात्र रितेश ने मेरे बेटे को गंदी गालियाँ दी जिसे मैं यहाँ नहीं लिख सकता हूँ। पता नहीं आजकल आपलोग बच्चों को कैसी शिक्षा दे रहे हैं। मेरे बेटे का तो स्कूल पर से विश्वास ही उठ गया है, इसलिए उसने सारी बातें आपको नहीं बताई, बल्कि अपनी माँ को बताई। मुझे लगता है कि स्कूल क्वालिटी एडुकेशन देने में पूरी तरह विफल रही है।
प्रार्थना सभा के तुरंत बाद जैसे ही प्राचार्य अपने कक्ष में आया, मैनेजर साहब ने उनसे आवेदन स्वीकार करने को कहा और आग्रह किया कि रितेश को तत्काल प्रभाव से स्कूल से निकाल दिया जाए। प्राचार्य ने उनको आश्वस्त कर घर भेज दिया। दोनों बच्चे बुलाये गए। गहन जांच पड़ताल हुई। दोनों ने एक- दूसरे पर आरोप मढ़ दिया। दोनों बच्चों को चेतावनी देकर वापस क्लास में जाने को कहा गया। चुकि मामला क्लास आवर्स के बाद का था, इनकी और इनके अभिभावकों को सलाह दी गई कि बच्चों के झगड़े में स्कूल की ज़िम्मेदारी निर्धारित करने से पहले अभिभावक अपनी ज़िम्मेदारी सुनिश्चित करें। अब आप ही बताइये कि इस पूरी घटना की जवाबदेही किसकी है -पैरेंट्स की, स्कूल की, बढ़ते हुए ज्ञान की, टेक्नालजी की या बच्चों की सृजनात्मकता और कल्पनशीलता की जो रात के अंधेरे में बारह बजे के बात घट रही घटनाओं का पूर्वानुमान कर लेते हैं।