Renuka Chugh Middha

Others

5.0  

Renuka Chugh Middha

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पत्र लिखा , मगर भेजा नहीं

पत्र लिखा , मगर भेजा नहीं

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पत्र कितनी यादों को समेटे रखते है। दिल की बातों को निर्जिव पन्नों पर उकेर सजीवं हो उठती है जैसे लिखने वाला खुद पास आ गया हो । यादों को खुद में समेट बरसो साथ निभाते है। सोहम भी पत्र हाथ में लेकर यादों मे गुम था।

 सोहम जब जेल में था तो उसको पता चला कि उसकी पत्नी माँ बनने वाली है तो खुशी से पागल हो उठा। अब पत्नी दूसरे शहर बार-बार मिलने आ नहीं सकती थी तो अपनी खुशी का इज़हार करते हुऐ अपनी अजन्मी बेटी के नाम ख़त लिखा । हाँ सोहम बेटी ही चाहता था । उसे बेटियाँ बहुत प्यारी लगती थी । सोहम अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था ये तो उसकी क़िस्मत फूट गई थी कि एक झूठे केस में उसके चाचा ने जायदाद के चक्कर में झूठे , धोखे से लाईन करवा लिये और चोरी का इल्ज़ाम लगा सोहन को जेल में जलवा दिया और सोहम की जायदाद पर भी धोखे से क़ब्ज़ा कर सोहम को दाने -२ को मजबूर कर दिया । ये वही चाचा थे जिन पर सोहम आँख मूँद कर भरोसा करता रहा और साथ मे व्यापार करता भी करता रहा। सारा अकाउंट उसके चाचा के हाथ में था । जैसे ही सोहम के पिता जी गुज़रे चाचा कि नीयत भी बदल गई । चाचा ने सोहम को कहीं का नहीं छोड़ा । बस उसकी पत्नी को एक कमरा दे कर सारी सम्पतिं अपने नाम लिखवा ली धोखे से किसी और पेपर पर लाईन करवाने के नाम पर। 

सोहम ये याद कर जेल में ख़ून के आँसू रोता था कि पीछे उसकी पत्नी का क्या होगा। 

कल जब ये ख़बर उसकी पत्नी ने उसे सुनाई तो खुशी के मारे रो पड़ा फिर उदास भी हो गया । अपनी पत्नी को उसने जेल आने को मना कर दिया और कहा कि तुम अब मायेके अपनी माँ के पास रहो जाकर । 

 आज सोहम का मन बहुत उदास हो रहा था तो वो अपनी पत्नी और बेटी के नाम ख़त लिखने लगा। 

 प्रिय सीमा ...

  बहुत प्यार 

 जब से तुमने मुझे मेरी बेटी की ख़बर दी है मन में कुछ अच्छा होने की आस जगी थी । तो कोर्ट ने भी मेरे चाल-चलन और कोई ठोस सबूत ना मिलने के कारण मुझे जल्दी ही रिहा कर देने का हुकुम सुनाया है । सच में बहुत भाग्यशाली है हमारी आने वाली बेटी। 

 उसे कहना कि जब उसके पापा बाहर आयेंगे तो उसे बहुत प्यार करेंगे । जब वो इस दुनिया में आयेगी तो उसे बहुत क़ाबिल बनायेंगे । इतना कि कोई उसे कभी झुका ना सके । उसे मै अफ़सर बनाऊँगा । लिखते-२ सोहम रोने लगा । मै जल्दी आऊँगा बिटिया । 

अपना ख्याल रखना सीमा । और घबराना नहीं । मै जल्दी ही बाहर आऊँगा । 

तुम्हारा सोहम ।


 कई देर तक हाथ में पत्र लिये सोहम रोता रहा जब मन हल्का हुआ तो पोस्ट करने के लिये उठा । जल्दी ही , अपने आने की ख़ुशख़बरी सीमा को देना चाहता था । लेकिन जाते-२ रूक गये उसके पावँ .... किस पते पर भेजे वो पत्र ? और किसे ? 

सीमा तो बेटी को जन्म देते ही पिछले माह दुनिया से चली गई।



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