पति का बटुवा
पति का बटुवा
हर किसी की नज़र किसी ना किसी तरह से बटुऐ पर ही रहती है क्योंकि हर किसी को तो पैसे की ही जरूरत होती है। लेकिन हमेशा से कहा जाता है कि बीबी की नज़र हर समय बटुए पर ही होती है।
“राधा कहाँ हो?” मुझे ऑफिस जाना है और मेरा खाना लगाओ।" (मेज पर बैठ कर)
“ आई एक मिनट रुकना”.... ( रोटी लेकर आती है)।
राधा खाने के थाली को लेकर समीर के मेज पर रखती है और उसके सर पर हाथ फेरती है ।समीर हाथ हटाते हुए खाना खाता है। फिर बिना कुछ बोले ही वो ऑफिस निकलता है। लेकिन जाते जाते उसके माथे को चूमते हुए बाहर निकलता है।
“बढ़ा अजीब पति है,लेकिन है तो बहुत प्यारे है”। ( हँस कर)
ऑफिस में.....
“क्या बे, तू आज बड़ा लेट आया....” ( कम्प्यूटर चलाते हुए)
“अरे नही यार, कल काम के चक्कर मे पूरी रात जागना पड़ा,इसलिए लेट”। ( बैग मेज पर रखते )।
दोनों अगल बगल बैठ कर कॉफी पीने लगे । दो दिन और स्टाफ भी उनके पास बैठते हैं। “यार कैसे पूरा काम होगा” (विवेक बोलता है)
“यार पता है, जब देखो ये बीबियों का रोज का ड्रामा होता है। उनको लगता है, बस महीना हुआ नहीं कि बस बटुआ देखना चालू”।
“हाँ, ये बात तो है लेकिन कर भी क्या सकता हूँ”। ( मायूस हो कर)
शाम को घर पर....
समीर थका थका आता है और बैग रख कर रूम में चला जाता है। कुछ देर बात राधा पानी लेकर उसके पास आती है।
“क्या हुआ”? ( सर पर हाथ रख कर )...
“कुछ नही , आज बहुत थक गया हूँ”।
कुछ देर बाद खाने के टेबल पर समीर बैठ कर खाना खा रहा है। लेकिन उसी टाइम देखा कि उसका पटुआ बाहर मेज पर रखा है। अब वो गुस्सा हो गया।
“यही तो सब से बड़ी दिक्कत है,पत्नी हर टाइम अपनी पति का पर्स ही चेक करती रहती है,और कोई काम तो रहता नहीं” ( खाते खाते)
“ये कौन सी बात हुई”, वो तो नीचे तुम्हारा पर्स गिर गया था इसलिये मेज पर रख दी”(गुस्से से)।
“और एक बात हम भी पैसे कमाना जानते हैं,लेकिन आज भी आदमियों को लगता है कि औरतें बस पति का बटुआ ही रखती हैं।“
“जब काम करना पड़ेगा ना, तो समझ मे आएगा.. बोलने को तो बहुत आसान है”
“कर सकती हूँ, और ज्यादा ये मत बोलो कि नही कर पाऊँगी ओके”।
फिर राधा खाना खा के सीधे रूम में सोने चली जाती है। कुछ देर बात समीर भी आ कर सोता है लेकिन दूसरे ओर मुँह कर के।
सुबह....
समीर देखता है कि राधा तो आज कुछ नही बनाई है, वो बस चाय बना कर रूम में आ कर बैठी है।समीर भी गुस्से से चाय फेंक कर चला जाता है।
“कितनी गलत थी मैं,हर मर्द यही सोचता है,कि पत्नी बस पैसे से मतलब रखती है”
ठीक है अब एक दिन मैं खुद पैसे कमा कर दिखा दूँगी।
अपनी एक सहेली को फ़ोन करती है, और वो उससे पूछती है...
“यार रीमा, क्या कोई जॉब मिल स
कता है,मेरा पति ये सोचता है कि बिना मेरे पर्स में हाथ डाले इनका काम नहीं चलता है,”।
“ये कौन सी बात है,पत्नी का हक होता है,और ये जरूरी नहीं की पति ही सब कुछ करता है”।
“लेकिम रीमा, ये सब नही समझेंगे.. इनको लगता है जो कुछ होता है वो मैं ही कर सकता हूँ और कोई नही”।
“राधा एक काम करो,अपने पति को सबक सिखाने का एक तरीका है,”।
“वो क्या”।
“तुम उसके ही ऑफिस में इंटरव्यू दो, उनको भी समझ मे आ जायेगा कि हम भी काम कर सकते है,वो आप से ज्यादा सैलेरी पर”।
“तुम ठीक कहती हो”।
फ़ोन रखने के बाद कुछ समय राधा सोचती है,की क्या ये सही रहेगा लेकिन सबक सिखाने के लिए तो करना ही होगा।
राधा को पता है कि उसका पति बहुत अच्छा है बस थोड़ा घमंड आ गया है तो उसको तो उतारना ही है।
अगली सुबह....
आज राधा सुबह का खाना बना कर देती है और फिर चुपचाप तैयार हो जाती है।
“कहाँ जा रही हो इतनी सुबह तैयार हो कर?”।
“मैं भी इंटरव्यू देने जा रही हूँ” तुम को लगता है कि आज की बीबियों को पति का पर्स ही चेक करने को रह गया है। तो मैं भी पैसे कमा सकती हूँ।“
समीर हँसने लगा और “ तुम को वो भी जॉब,कौन देगा”?
और समीर खाना खा के ऑफिस निकल जाता है।
ऑफिस में....
समीर जब ऑफिस पहुँचा तो राधा को देख कर चौंक जाता है लेकिन कुछ बोलता नहीं है। क्योंकि किसी को पता नहीं है कि ये इसकी बीबी है।
राधा इंटरव्यू समीर के ही ऑफिस में देने आती है।
“इतने बड़े कंपनी में इंटरव्यू देने क्या बात है,देखते हैं" (मन ही मन)।
कुछ देर बाद राधा इंटरव्यू दे कर बाहर निकलती है और इस तरह मुँह बना कर किजॉब नहीं मिला है।
घर पर शाम को....
समीर को बहुत इंतज़ार था कि आज उसके मुँह से भी सुन लूँ, बहुत कूद रही थी।
घर मे आते ही....
“क्यों बहुत आसान समझ रही थी न इंटरव्यू देने गयी थी,मिल गयी नौकरी?”।
राधा कुछ नहीं बोली बस रूम में जाती है।
“क्यों बिना बोले ही चली गयी”। ( पीछे से आवाज़ लागते)
फिर राधा एक पेपर लेकर आती है,और उसको दे देती है। समीर देखते ही चौंक जाता है।बहुत शर्मिंदा हो जाता है।
“उस लेटर पर लिखा था,कि आप इस जॉब के लिए सेलेक्ट हो गयी हैं वो भी रिलेशनशिप मैनेजर के पद पर”।
समीर पी ओ के पोस्ट पर है जब कि राधा उससे बड़े पोस्ट पर। क्योंकि पहले वो चार साल जॉब की थी लेकिन शादी के बाद छोड़ दी थी ।
“समीर मैं जॉब नहीं करने जा रही हूँ, क्योंकि तुम जितना कमाते हो मैं उससे खुश हूँ, मैं पर्स एक हक से लेती थी और मुझे खुशी होती थी कि मैं अपने पति से पैसे घर खर्च के लिए लेती थी । आज की औरत खुद भी पर्स जितना पैसे कमा सकती है।“
समीर बहुत शर्मिंदा हो जाता है,और माफी मांगता है।