प्रयागराज की अयोध्या

प्रयागराज की अयोध्या

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"बच्चों, आजकल अयोध्या चर्चा में है। अयोध्या का नाम तो आप सुन ही रहे हैं, जहां राम मंदिर बनेगा। किंतु, एक और अयोध्या है, जिसकी जानकारी हम में से कुछ ही लोगों को है। वह है, प्रयागराज की अयोध्या।"

"प्रयागराज में अयोध्या! कृपया बताएं।" पराग ने उत्साह के अतिरेक में कहा।

"बच्चों, प्रयागराज नगर से 70 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर बेलन नदी के तट पर बसा है एक और अयोध्या गाँव। इस बस्ती के हर व्यक्ति के नाम में श्री राम नाम समाहित है।"

"इसका क्या अर्थ हुआ, चाचाजी? इशिता ने जानना चाहा।

"यहां हर व्यक्ति के नाम में राम है। राम शिरोमणि, राम अभिलाष, राम मनोरथ, मणि राम, राम गोपाल, राम पदारथ। इस तरह कई पीढ़ियों के नाम में राम जुड़ा है। दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग भी राम नाम के धनी हैं। नाम के साथ ही यहां पुरुषोत्तम की मर्यादा भी है सैकड़ों राम नामधारी लोग उसी संस्कृति सभ्यता और परंपरा को समृद्ध बनाने में जुटे हैं।" 

"यह अच्छी बात है कि वहां के लोगों के आचरण में भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र देखने को मिलता है, वरना मात्र नाम रखने से क्या होता है? "अर्चित ने कहा।

 "ठीक समझे बच्चों, यहां श्रीराम की अनेक प्राचीन मूर्तियां हैं। इस अयोध्या की हर गली चेट्टी और चौराहे पर भगवान राम का ही नाम सुनाई पड़ता है। अब इस अयोध्या में भी राम मंदिर का निर्माण शुरू होने जा रहा है। इसके लिए गाँव के किनारे बेलन नदी के तट पर प्राचीन शिव मंदिर के पास तैयारी कर ली गई है। यहां राम उत्सव मनाया जाएगा।"

"यह तो बहुत अच्छा समाचार है! इस गाँव का वातावरण कैसा है, चाचा जी, मेरा अर्थ है लोग मेल- मिलाप से तो रहते हैं, न?" याशिका ने कहा।

" अवश्य, खास बात यह है कि यहां हर घर में गाय है। बाग- बगीचों से घिरे इस गाँव में हर ओर गौरैया चहचहाती हैं।

 इस गाँव की आबादी ढाई हज़ार है। यहां शिक्षक हैं, मिलिट्री और पैरामिलिट्री में बहुत से युवा हैं।

भारतीय पुरातत्व विभाग ने यहां दो दशक पूर्व कैंप लगाकर खुदाई कराई थी। तब बेलन नदी के किनारे स्थित प्राचीन मंदिर की मूर्तियां खुदाई में मिली थीं, जो आज भी संग्रहित हैं।"

"क्या बेलन नदी का जिक्र इतिहास में भी है, चाचा जी?" विमलेश ने जानना चाहा।

 "बच्चों, आपको जानकर आश्चर्य होगा कि सिंधु घाटी की तरह इतिहास की किताबों में बेलन नदी घाटी सभ्यता का जिक्र मिलता है, जो कि तमाम नदी घाटी सभ्यता से काफी प्राचीन है।"

"हमारी जानकारी में उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए, चाचा जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। हम सब एक डायरी में आपकी बताई हुई जानकारी को विधिवत लिखते रहते हैं।" निधि ने बताया।

"अरे वाह, तब तो वर्ष के अंत में मेरे पास कई लेखक और लेखिकाएं हो जाएंगे!"

"किंतु चुनाव मुश्किल होगा,चाचा जी, कि किसकी कृति उत्तम है।" चरण ने कहा।

" बच्चों, सभी की कृतियों को एक संस्मरण की तरह रखा जाएगा और हम स्कूल की लाइब्रेरी को उसे डोनेट कर सकते हैं, जिससे बाक़ी बालक- बालिकाएं भी उसकी जानकारी का लाभ ले सकें।"

"बहुत सुंदर विचार है ,चाचा जी, जरूर, धन्यवाद ,चाचा जी।" सब ने समवेत स्वर में कहा।

"चलो फिर, कल मिलते है। नमस्ते।" 

"नमस्ते ,चाचा जी।"


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