परिवार

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रेलवे स्टेशन पर, अस्सी पचासी वर्ष के बुजुर्ग के आगे बढ़ने पर, राहुल ने कहा, “हमें क़ुली नहीं चाहिये बाबा “ तो बुजुर्ग का झुर्रियों भरा चेहरा उदास हो गया। 

“बेटा, मैं क़ुली नहीं हूँ, हमारा बेटा, मुझे और मेरी घरवाली को स्टेशन पर बैठा कर कहीं चला गया। हम गाँव की अपनी सारी जायदाद बेच कर उसके साथ जाने वाले थे। अब पेट पालने के लिये कुछ तो करना होगा “बुजुर्ग ने हताश स्वर में कहा। 

राहुल और उसकी पत्नी रिया ने कुछ पल सोच कर कहा “ हम दोनों का बचपन अनाथाश्रम में बीता है, क्या आप हमारे माता पिता बनेंगे ?

अब माता पिता के आ जाने से राहुल और रिया का परिवार पूरा हो गया था। 


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