फुटपाथ -लघुकथा
फुटपाथ -लघुकथा
रीना ने जैसे ही घर में प्रवेश किया झल्लाते हुए मां से बोली- "मां मुझे तो अब आप टू-व्हीलर दिला ही दीजिए"। क्यों, क्या हुआ? रश्मि (मां ) ने पूछा। "सड़क पर चलने के लिए जगह ही कहां बची है मां, अब फुटपाथ का नाम बदलकर "टू व्हीलर पाथ" कर देना ही बेहतर होगा"। - रीना ने गुस्से से कहा।
"सोचते हैं क्या किया जा सकता है इस विषय में।" - रश्मि ने कहा। तभी रीना तपाक से बोली- "माँ ! सुजाता आंटी तो नगर पालिका में ही नौकरी करती हैं ना? क्यों न आप उन्हें फुटपाथ को संकरा व सड़क के स्तर से इतना ऊंचा करने का सुझाव दें कि उस पर टू व्हीलर चढ़ भी न सके और चलने वालों की सुरक्षा भी बनी रहे। "सुझाव अच्छा है, मैं अभी सुजाता से इस बारे में बात करती हूं"। - रश्मि ने कहा।
