फुरफुरीनगर में मोटू-पतलू के साथ धमाल
फुरफुरीनगर में मोटू-पतलू के साथ धमाल
मेरे पतलू अंकल फुरफुरी नगर में रहते हैं,वे मेरे पिताजी के छोटे भाई हैं, पिताजी अमरपुर में काम करते हैं इसीलिए हमलोग यहाँ रहते हैं,कल फुरफुरी नगर में एक संग्रहालय का उद्हघाटन होने वाला है ,इसलिए हम सब को पतलू अंकल ने वहां बुलाया है, मैं और पिताजी उनकी मोटरसाइकिल पर सवार होकर वहां के लिए निकले और दो घंटे की यात्रा करके वहां पहुंच गए।
वहां पतलू अंकल अपने सबसे अच्छे दोस्त जिनका नाम मोटू है के साथ मिले, मोटू-पतलू की जोड़ी मशहूर है। साथ ही डाॅक्टर झटका, पहलवान और घसीटाराम अंकल भी हमारे स्वागत के लिए आए हैं।
मुझे भूख लगी है मैंने खाना मांगा तो मोटू अंकल मुझे नाश्ते के लिए चाय समोसे वाले के यहाँ ले गए, वहाँ उन्होंने कहा "चाय वाले भईया गरमा-गरम समोसे तो खिलाना " और गपागप समोसे खाते ही चले गए ।मेरे लिए समोसे बचे ही नहीं !
तभी वहां कुछ बदमाश एक लड़की का बटुआ छीन कर भागने लगे, पतलू अंकल बदमाशों के पीछे दौड़ पड़े,मोटू अंकल भी पीछे-पीछे आने लगे,भागते-भागते काफी दूर तक चले गए।
पतलू अंकल ने कहा "मोटू बदमाश को पकड़ो",
तो मोटू अंकल ने कहा ,"खाली पेट मेरे दिमाग की बत्ती नहीं जलती तुम ही कुछ करो पतलू।"
तभी अचानक से वहाँ इंस्पेक्टर चिंगम आ गए,वो वहाँ के पुलिस इंस्पेक्टर हैं, चिंगम सर ने गोली चला दी,चार-पाँच नारियल उनके सिर पर गिरे !
चिंगम सर बदमाश से बोले," इन द नेम ऑफ लॉ",रूक जाओ, भारत माता की कसम रूको रूको और वे बदमाश के पीछा करने लगे।
इधर एक बदमाश ने मुझे पकड़ लिया मैं जोर से चिल्लाया, "पतलू अंकल मुझे बचाओ, बचाओ मुझे।
पतल अंकल ने एक डंडा उठाया और बदमाश के पैर पर दे मारा ,शह दर्द से बिलबिलाते हुए मुझे छोड़ अपना पैर पकड़ कर बैठ गया ,मोटू अंकल ने उसकी धुलाई शुरू कर दी।
दूसरे बदमाश को चिंगम सर ने पकड़ लिया और अच्छे से उसकी कुटाई करने के बाद दोनों को पुलिस स्टेशन ले गए।
पीछे से डॉ झटका और घसीटाराम अंकल आए ,घसीटाराम अंकल ने कहा,उडी बाबा ऐ बोदमाश लोग तो बाड़ा खोतोरनाक हाय,होमारा बीस साल का ताजुरबा है।"
इसी सब में दिन मजे से बीत गया और अगले दिन संग्रहालय के उद्घाटन के बाद घर जाने का समय हो गया ।
मैं तो वहीं रहना चाहता था लेकिन पढ़ाई भी तो करनी थी सो घर वापस आना पड़ा। दोनों अंकल की बहुत याद आती है।