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Pawanesh Thakurathi

Others

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Pawanesh Thakurathi

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फेसबुक वाली खूबसूरत लड़की

फेसबुक वाली खूबसूरत लड़की

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शंकू एक दिन कमरे में बैठा मोबाइल चला ही रहा था कि उसके मोबाइल में एक लड़की की फ्रैंड रिक्वेस्ट आई। शंकू ने तुरंत उस लड़की की प्रोफाइल फोटो देखी। फोटो देखकर शंकू का हृदय बल्लियाँ उछलने लगा। वह मुझसे बोला- "देख यार, क्या खूबसूरत पीस है।"

मैंने लड़की की प्रोफाइल पिक देखी तो वाकई में वह बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। शंकू ने तुरंत लड़की की फ्रैंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। 

फ्रैंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करते ही लड़की का मैसेज भी आ गया-

"हाय हैंडी कैसे हो ?"

"आइ एम फाइन एंड यू", शंकू ने तुरंत रिप्लाई किया। 

"आइ एम आल्सो फाइन और सुनाओ।"

"बस बढ़िया, आप कहाँ से हो ?"

"मैं, मैं बागेश्वर से।"

  

 शंकू ने कन्फर्म करने के लिए लड़की की प्रोफाइल डिटेल में चैक की। लड़की ने एड्रेस वाली जगह बागेश्वर नहीं बल्कि फैशन कॉलेज, नई दिल्ली लिखा था। 

"आपकी प्रोफाइल में तो फैशन कॉलेज, न्यू दिल्ली लिखा है।"

"अच्छा, मेरी आई डी भैया ने बनाई ना। उन्होंने ही लिखा होगा।"

"अच्छा, तब तो आपकी प्रोफाइल में लगी फोटो भी किसी और की होगी ?"

"नहीं, वो तो मेरी ही है।"

"सच में ?"

"हाँ, यकीन नहीं हो रहा क्या ?"

"नहीं, ऐसी बात नहीं है।"

"ऐसी ही बात है, चलो कोई नहीं। जब सामने देखोगे तो यकीन कर लोगे।"

"नहीं, यकीन हो गया। आप वाकई में जितनी खूबसूरत हैं, उतना ही खूबसूरत आपका नाम भी है।"

"सच में ?"

"हाँ, बिल्कुल ! एंजेल दीपिका। वाह क्या नाम है !! खूबसूरती में तो आप दीपिका पादुकोण को भी पीछे छोड़ देती हैं।"

"हम्म, ओ लॉट आफ थैंक्स। और आप बताइये। आप कहाँ से हैं ?"

"मैं अल्मोड़ा से।"

"कॉलेज में पढ़ते हैं क्या ?"

"हम्म, एकदम सही कहा। खूबसूरत होने के साथ-साथ समझदार भी मालूम होती हैं।"

"ओह, आप तो तारीफों के पुल बांधे जा रहे हैं। कुछ और बोलिये। तारीफें बहुत हुई।"

"मोहतरमा, आप हैं ही तारीफ करने लायक...।"


 इस तरह से दीपिका और शंकू की फेसबुक से बातचीत की शुरुआत हुई और यह बातचीत आगे बढ़ती गई। अब शंकू ने लड़की का वाट्सअप नंबर भी ले लिया था। दोनों वहाँ भी खूब चैटिंग करते। शंकू दीपिका को काफी गंभीरता से लेने लगा था। एक दिन उसने मुझसे कहा-"यार दीपिका के साथ कुछ हो सकता है।"

"कैसा कुछ, कुछ तो हो ही रहा है और कैसा कुछ चाहिए तुझे।" मैं मुस्कुराया। 

"ये कुछ नहीं, मैं वो कुछ की बात कर रहा हूँ यार।"

"वो कुछ मतलब ?"

"वो कुछ मतलब शादी। शादी हो सकती है मेरी उसके साथ। वो भी कॉलेज पढ़ती है और मैं भी। उम्र में भी वह मुझसे दो साल छोटी है। एक ही कास्ट भी है हम दोनों की। दिखने में भी वो स्मार्ट है। और क्या चाहिए !"

"हाँ कह तो सही रहा है, लेकिन उससे एक बार मुलाकात कर ले। पता चल रहा है जिसे तू सौंदर्य की देवी समझ रहा है, वह कुरूपता की मूर्ति निकले।"

"हाँ यार, ये बात तो सही कही तूने।"


चैटिंग करते-करते दो साल गुजर गये। एक दिन दीपिका अल्मोड़ा आई तो, शंकू उससे मिलने मार्केट गया। जब वह वापिस लौटा तो उसका चेहरा देखने लायक था। उसे मायूस देखकर मैंने उससे मज़ाक किया - "क्या हुआ मजनू भाई, नहीं हुई लैला से मुलाकात ?"

"हाँ, यार तू सही कह रहा था। वह कुरूपता की मूर्ति ही है।"

"क्यों, क्या हुआ ?"

"अरे यार वो ना तो खूबसूरत है, ना ही समझदार। और तो और व्यवहार की भी मुझे ऐसी ही लगी। फर्जी फोटो लगा के इंप्रेशन जमा गई चुड़ैल।"

 शंकू तब से उस लड़की से बहुत कम बात करता है। बस महीने में एक-दो बार। 


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