पेटी बाजा
पेटी बाजा


दिव्या किचन में काम कर रही थी। पिंकी ने आकर बताया।
"मम्मी पापा स्टोर रूम की तांड़ पर चढ़े हैं।"
सुनकर दिव्या बड़बड़ाती हुई स्टोर रूम की तरफ भागी। विनय तांड़ पर चढ़ा कुछ ढूंढ़ रहा था।
"अब ये क्या सनक है। वहाँचढ़े क्या कर रहे हो ?"
विनय कुछ नहीं बोला। बस सामान हटा हटा कर देख रहा था। अचानक चिल्लाया,
"मिल गया...."
पिंकी और उसके छोटे भाई बंटी ने देखा कि पापा लकड़ी का एक बक्सा लेकर उतर रहे हैं। दिव्या हिदायत दे रही थी।
"संभल कर...गिर ना पड़ना..."
विनय नीचे आया तो बंटी ने पूँछा,
"ये क्या है पापा ?"
"ये एक म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट है।"
बंटी को आश्चर्य हुआ। उसने अपनी बहन पिंकी की तरफ देखा। उसने भी कंधे उचका दिए। विनय बच्चों का कौतूहल समझ रहा था। वह बोला,
"अभी दिखाता हूँ। पहले एक कपड़ा ले आओ। इसे साफ करना है।"
बच्चे फौरन कपड़ा ले आए। विनय ने साफ करने के बाद उसे खोला। पिंकी ने ध्यान से देखते हुए कहा,
"छोटा पिआनो..."
विनय हंस कर बोला,
"नहीं यह हारमोनियम है। गांव में इसे पेटी बाजा भी कहते हैं।"
बच्चे इस नई चीज़ को देखकर बहुत खुश थे। दिव्या खड़ी मुस्कुरा रही थी। वह बोली,
"अब पूरे लॉकडाउन तुम यही बजाओगे।"
"मैं बजाऊँगा और तुम गाओगी।"
मम्मी गाएंगी सुनकर बच्चों को और अधिक आश्चर्य हुआ। बंटी बोला, "मम्मी गाना गाएंगी..."
"हाँ दिव्या बहुत अच्छा गाना गाती है।"
पिंकी ने कहा,
"हाँ मैंने एक दो बार सुना है। किचन में काम करते हुए मम्मी धीरे धीरे गाना गाती हैं।"
विनय ने दिव्या की तरफ देखकर कहा,
"पर अब मम्मी खुल कर गाएंगी। ज़रा इसे ठीक ठाक कर लूँ। फिर जमेगी महफ़िल।"
खाना खाने के बाद विनय हारमोनियम उठा लाया। उसने आवाज़ लगाई।
"आ जाओ बच्चों। अब मैं हारमोनियम बजाऊँगा और दिव्या गाएगी।" दिव्या ने आपत्ति जताई।
"क्या खिलवाड़ कर रहे हो ? तुम्हें बजाना हो तो बजाओ।"
विनय मानने वाला नहीं था। दिव्या का हाथ पकड़ कर बैठा दिया।
"अरे बच्चे भी तो देखें कि उनके मम्मी पापा में भी कुछ टैलेंट है। ऐसे तो समय मिल नहीं पाता। लॉकडाउन में यही सही।"
बच्चों ने भी ज़िद की। दिव्या मान गई। उसने विनय को सुर देने को कहा। विनय ने हारमोनियम पर सुर साधा।
दिव्या गाने लगी। बच्चे अपने मम्मी पापा के इस नए रूप को देखकर खुश थे। दिव्या भी बहुत दिनों के बाद रिलैक्स महसूस कर रही थी। उसने विनय की तरफ मुस्कुरा कर देखा। विनय ने भी उसकी तरफ देख कर इशारे से उसकी तारीफ की।