पैसा और जिंदगी
पैसा और जिंदगी
प्रकाश जों एक शहर का रहने वाला निवासी था जो एक बड़ी कंपनी में कार्य करता था। जिसकी मासिक आय दस हजार थी और वह शादीशुदा आदमी भी था वह दस हजार भी उसके लिए काफी कम थे क्योंकि काफ़ी सुख सुविधा के साथ वह जीवन यापन नहीं कर पा रहा था। दस हजार भी उसके घर में लग जाते थे जिससे उसके पास एक भी आमदनी नहीं बचती थी और छोटे से मकान में भी रहता था। उसके दोस्त भी उसका मजाक बनाते थे और ताने मारते थे इस चक्कर में वह बाबा और ओझा के पास जानें लगा, जिससे जिन्दगी में कुछ सुधार हो शहर की महँगाई सबको चूसी जा रही थी प्रकाश समझ गया था कि वह मध्य वर्ग की सीमा से आगे बढ़ नहीं सकता। प्रकाश ने टी. वी में देखा कि राशन, तेल और जरूरत की सब सुविधा महँगी होने वाली है और अब उसको दस हज़ार भी कम पढ़ सकते है प्रकाश को किसी के जरिए काला धन एकत्रित करने का मौका मिल रहा था और बिना सोचे समझे वह काला धन लेने के लिए तैयार हो गया। उस काले धन से प्रकाश ने हर सुविधा प्राप्त कर ली क्योंकि वह काला धन कम से कम एक करोड़ था, जिसमें से उसने एक बड़ा घर, कार, व्यवसाय खड़ा कर दिया। जिससे प्रकाश से काला धन लिया वह आदमी प्रकाश के पास आया और बोला - मुझको मेरा काला धन लौटा दो। प्रकाश बोला - वह धन तुमने मुझको मन से दिया अब वह नहीं लौटा सकता देने से पहले सोचना चाहिए था। वह पुलिस के पास जाकर इसके बारे में बता नहीं सकता था क्योंकि वही फँसता। प्रकाश अपनी जिंदगी खुशी - खुशी जीता।
शिक्षा:- आपके पास हद से ज्यादा होने से वह या तो मिट्टी में मिल जाएगा या किसी के काम आ जाएगा।