पारदर्शिता
पारदर्शिता
"नेहा के साथ प्रशूका भी स्टेज क्यों शेयर कर रही है? उसके तो गणित में 150 में से 150 अंक नहीं आए हैं न? बेस्ट स्टूडेंट ट्रॉफी तो सेंटम प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को ही मिलती है न? फिर प्रशूका को यह स्पेशल ट्रीटमेंट किसलिए?"
प्रशूका का स्टेज पर होना स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं बल्कि उसके साथ हुए न्याय का परिचायक है।"
"कैसा न्याय?
"मुझे भी अभी कुछ समय पूर्व ही पता चला है।"
"क्या पता चला है?"
"यही कि प्राध्यापिका को जब सच्चाई पता चली तो उन्होंने तुरंत इस बार की बेस्ट स्टूडेंट ट्रॉफी दो छात्राओं को देने की घोषणा कर दी।"
" कैसी सच्चाई?"
" यही कि माथुर सर ने ट्यूशन पर आने वाले विद्यार्थियों को गणित की पूरी किताब पढ़ाई लेकिन बावजूद इसके कि गणित का प्रश्न पत्र खुद उन्होंने ही सेट किया था कक्षा में गणित की किताब से एक अध्याय को जानबूझकर छुआ तक नहीं और उस अध्याय में से छः अंक का एक सवाल प्रश्न पत्र में दे दिया। साथ-ही प्राध्यापिका कह रही थी कि प्रशूका ने 144 आउट ऑफ़ 150 अंक प्राप्त किए हैं यानि कक्षा में जितना पढ़ाया गया उसके साथ उसने पूरा न्याय किया है। इसमें कोई शक नहीं कि पूरा पढ़ाया जाता तो वह पूरे अंक लेकर आती और वैसे भी यहां बात सिर्फ अंकों की नहीं है वरन इसके पीछे छिपी सर की दुर्भावना है।"
"ऐसा प्राध्यापिका ने कहा?"
" हां ! वह कह रही थी कि सर का यह बर्ताव बता रहा है कि वह कहना चाहते हैं कि अगर अंक पूरे चाहिए तो मेरे यहां ट्यूशन आना जरूरी है और इस तरह की गतिविधियों को तुरंत लगाम लगेगी।"
"प्राध्यापिका ने माथुर सर से भी कुछ कहा?"
"नहीं! सबके सामने तो कुछ नहीं कहा लेकिन किसी को फोन लगा रही थी।"