पालतू पशु या पक्षी
पालतू पशु या पक्षी
जनवरी का चौथा सप्ताह चल रहा है। कड़ाके की सर्दी पड़ रही हैं। हल्की हल्की बारिश भी हो रही हैं। बारिश और ठंड ने मौसम को बहुत कष्ट दायक बना दिया हैं। लोग जगह जगह आग जला रहे हैं। अलाप में ताप रहे हैं। सबसे ज्यादा कठिन समय पालतू पशु और पक्षियों को हैं। बोह बे चारे ठंड से परेशान हैं।
मेरी आठ बरस की पोती मायरा पालतू पशु और पालतू पक्षी से बहुत प्यार करती हैं|उसके कहने पर हमने अपने घर में एक कुत्ता एक बिल्ली और एक तोता पाल रखा हैं। पिछले सप्ताह मायरा अपने गांव गयी थी । बांह पर गाय बैल बकरी भैंस देख कर बहुत खुश हुई। उसने इन सबके चित्र किताबों में देखे थे। व्यक्तिगत रूप से इन पालतू पशु और पक्षी को देखने का मौका पहली बार मिला था।
मायरा ने मुझसे पूछा, “ बाबा ,हम पशु और पक्षी को क्यों पालते हैं “? मैंने मायरा से कहा," पशु-पक्षियों व मनुष्यों के मध्य बहुत पुराना रिश्ता हैं। प्राचीन समय से ही मनुष्य पशु-पक्षियों को पालता आ रहा हैं और इन्हें अपने परिवार के सदस्य की भाँति प्यार भी करता रहा हैं। पालतू जानवर भी कई बार अच्छे मित्र या सहायक सिद्ध होते हैं। भरा-पूरा परिवार हैं, तो भी पालतू जानवरों का अपना एक अलग महत्त्व होता हैं। मानवीय संबंध कहीं न कहीं स्वार्थ से जुड़े होते हैं, लेकिन मनुष्य और जीव-जंतुओं का संबंध बिना किसी शर्त और स्वार्थ के होता हैं। यह संबंध मनुष्य में अच्छे गुणों का विकास करने में भी सहायक हैं। दुनिया में ढेरों लोग हैं, जो पशु-पक्षियों और पालतू जानवरों से बेहद प्यार करते हैं। वे उन्हें अपने घर-परिवार का हिस्सा मानते हैं पालतू जानवर भी अपने मालिक के प्रति हमेशा वफादार रहता हैं।”
मायरा ने पुनः पूछा ,"बाबा , इन पशु और पक्षी को घर में रखने के और क्या लाभ हैं ?" मेंने मायरा से कहा ,”प्राणियों और पक्षियों में अनिष्ट तत्वों को क़ाबू में रखने की अद्भुत शक्तियां होती हैं। इस ब्रह्मांड में व्याप्त नकारात्मक शक्तियों को निष्क्रिय बनाने की ताकत इन पालतू प्राणियों में होती हैं।
मानव का सबसे वफादार मित्र कुत्ता भी नकारात्मक शक्तियों को खत्म कर सकता हैं। उसमें भी काला कुत्ता सबसे ज्यादा उपयोगी सिद्ध होता हैं। कुछ लोग कहते हैं- 'यदि संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो काले कुत्ते को पालने से संतान की प्राप्ति होती हैं।' वैसे काले रंग से बहुतों को चिढ़ हो सकती हैं, पर यह शुभ हैं। “
मेंने मायरा से पुनः कहा ," शुक्र के अनिष्ट से बचने के लिए गौ दान का प्रावधान हैं। जिस भू-भाग पर मकान बनाना हो तो पंद्रह दिन तक गाय-बछड़ा बांधने से वह जगह पवित्र हो जाती हैं। भू-भाग से बहुत सी आसुरी शक्तियों का नाश हो जाता हैं।
तोता का हरा रंग बुध ग्रह के साथ जोड़कर देखा जाता है। अतः घर में तोता पालने से बुध की कुदृष्टि का प्रभाव दूर होता हैं। घोड़ा पालना भी शुभ हैं। सभी लोग घोड़ा पाल नहीं सकते फिर काले घोड़े की नाल को घर में रखने से शनि के कोप से बचा जा सकता हैं।
गुरुवार को हाथी को केले खिलाने से राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं।मछलियों को पालने व आटे की गोलियां खिला ने से अनेक दोष दूर होते हैं। वास्तु शास्त्री घर में फिश-पॉट (मछली पात्र) रखने की सलाह भी देते हैं जो सुख-समृद्धिदायक हैं। मछलियों मालिक पर आने वाली आपदा अपने ऊपर ले लेती हैं। कबूतरों को शिव-पार्वती के प्रतीक रूप माना जाता है”।
