Sudhirkumarpannalal Pratibha

Others

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Sudhirkumarpannalal Pratibha

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नजरिया

नजरिया

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  जो दिखता है वही सब देखता है।लेकिन देखने बाद जो महसूस करता है , वो समान नहीं होता है।अलग अलग तरह से लोग उसे महसूस करते है।जिसे हम नजरिया कहते है।दिमाग का डायरेक्शन जिधर होता है नजरिया उधर हीं बलवती होती है।


 रोहन और श्रद्धा रोज हीं बाजार जाते थे।और साथ में खरीदारी करते , चाट खाते और फिर घर चले आते। दोनों का परिचय बचपन से हीं था।... दोनों एक दूसरे से बेहद स्नेह रखते थे।दोनो का घर एक दूसरे के पास था। दोनों पड़ोसी थे।


  श्रद्धा की मां बाजार जा रहीं थी। गांव के हीं कुछ औरत।आपस में बातें कर रही थी। उनमें से एक औरत श्रद्धा की मां को बुलाई और बोली,"बहन जी बुरा मत मानिएगा, लेकिन श्रद्धा पर थोड़ा ध्यान दीजिए वो बालिग हो गई है और रोहन भी बालिग हो गया है।हम जब भी देखते है वो दोनों हमेशा एक साथ हीं रहते है।...लड़की को लड़का के साथ रहना उचित है?"

  उस औरत की बात सुनकर श्रद्धा की मां बोली," बहन जी वो मेरी बेटी है...उसके बारे में जितना अच्छी तरह से मैं जानती हूं..उतना आप नहीं जानती हैं...मेरी बेटी बुरी नहीं है।..आपका देखने के तरीका बुरा है।"

  इतना कहकर श्रद्धा की मां बाजार चली गई।


  रोहन और श्रद्धा को लेकर गांव में चर्चा आम हो गई थी। गांव की महिलाएं जब भी रोहन और श्रद्धा को साथ में देखती तो, फब्तियां कसने लगती । रोहन को यह देख काफी बुरा लगता। लेकिन श्रद्धा उसे समझाती।" सच्चाई को कोई झुटला नहीं सकता। सच्चाई आज नहीं तो कल सामने आएगी, बस समय का इंतजार करना चाहिए , सच्चाई बोलती है..सच्चाई के पास ताकत होती है। झूठ का लबादा खुद ब खुद सच के सामने उतर जाता है। जो लोग हमदोनों के बारे में गलत सोचते है उनपर खुद ब खुद तमाचा लगेगा।"श्रद्धा की बात सुनकर रोहन चुप हो गया।


रक्षाबंधन का दिन था। श्रद्धा ने रोहन को फोन करके अपने घर बुलाया। रोहन श्रद्धा के घर गया । रोहन को श्रद्धा के घर जाते हुए गांव की कुछ महिलाएं देख ली। और आस पास की सारी महिलाओं को बुला लाई।सारी महिलाएं बाहर वाली खिड़की से श्रद्धा के कमरे में झांकने लगी।

सारी महिलाएं यह देखकर अवाक् हो गई की श्रद्धा रोहन को राखी बांध रही थी।और माथे पर तिलक लगा रही थी ।

  सारी महिलाएं खुद के हीं नजरों में गिर गई थी।अपने छोटी सोच के वजह से पवित्र रिश्ता के ऊपर गलत लांछन लगा रही थी,वो रिश्ता निश्छल और पावन था।

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