मुस्कान की रोशनी
मुस्कान की रोशनी
छोटे से पहाड़ी गाँव में एक लड़की रहती थी—रौशनी। नाम के जैसे ही उसका स्वभाव था, हर किसी के चेहरे पर मुस्कान लाने वाली। लेकिन, जो बात उसे सबसे खास बनाती थी, वह थी उसकी अपनी मुस्कान। गाँव के लोग कहते थे कि उसकी मुस्कान में जादू था। जब भी कोई उदास होता, बस रौशनी की एक झलक और उसकी मीठी हंसी से मन हल्का हो जाता। बच्चे हों या बूढ़े, सभी उसकी इस अनोखी ताकत के दीवाने थे। लेकिन रौशनी के दिल में एक दर्द था, जिसे वह अपनी मुस्कान के पीछे छुपाए रखती थी।
उसके माता-पिता उसे बचपन में ही छोड़कर चले गए थे, और वह अपनी बूढ़ी नानी के साथ रहती थी। नानी ने ही उसे सिखाया था कि दुनिया में सबसे कीमती चीज़ होती है—किसी और को खुश करना। एक दिन गाँव में एक अजनबी आया। वह एक मशहूर फोटोग्राफर था, जो दुनिया भर में लोगों की मुस्कानें कैद करता था।
उसने जब रौशनी को देखा, तो उसकी आँखें चमक उठीं। "तुम्हारी मुस्कान में कुछ अलग है," उसने कहा। रौशनी हँस दी, "यह मुस्कान तो बस आदत है।" "नहीं, यह एक कहानी है," फोटोग्राफर ने कहा। "क्या मैं इसे कैमरे में कैद कर सकता हूँ?" रौशनी को पहले संकोच हुआ, लेकिन फिर वह मान गई।
उसकी तस्वीर अख़बारों में छपी, सोशल मीडिया पर वायरल हुई, और जल्द ही उसकी मुस्कान की चर्चा पूरे देश में होने लगी। पर रौशनी को इससे ज्यादा खुशी इस बात की थी कि अब लोग समझने लगे थे कि एक सच्ची मुस्कान केवल चेहरे पर नहीं, दिल में भी होती है। और जब उसने गाँव लौटकर देखा, तो हर कोई उसे देखकर मुस्कुरा रहा था—वैसे ही जैसे वह हमेशा चाहती थी।
उस दिन उसने जाना कि उसकी मुस्कान का जादू केवल गाँव तक सीमित नहीं था। वह हर दिल को रोशनी दे सकती थी।
