Indu Prabha

Children Stories Inspirational

4  

Indu Prabha

Children Stories Inspirational

मोर पंख

मोर पंख

3 mins
268



बात उन दिनों की है जब बालक विनय पिलानी में माता-पिता के साथ रहता था। विनय को पापा राम कृष्ण का अपने व्यापार के कारण दूसरे शहरों में जाना रहता था। विनय पापा के वापस आने पर उन शहरों की घटनाओं और वस्तुओं के बारे में कहानी की तरह सुनता। विनय उन कहानियों और वस्तुओं को अपनी कल्पनाओं से बुना करता | विनय के पापा इस बार विनय के लिये मोर पंख लाये साथ में सुन्दर सा शंख भी लेते आये । विनय इस सुन्दर, चमकीले लम्बे, सुनहरी रंगबिरंगे मोर पंख को देख कर बहुत खुशी से कहने लगा यह तो राष्ट्र पक्षी मोर का पंख है इसे में अपनी पुस्तक में रख लेता हूँ। पापा कहने लगे आओ इसे देखो मोर पंख से एकाग्रता बढ़ती है, मन शान्त होता है, कार्य करने पर सफलता मिलती है ,आत्मबल बढ़ता है |सच में सुधार होता है| पापा विनय को बताने लगे कथा मैं वर्णन आता है कि इन्द्र भी मोर पंख के बने सिंहासन पर बैठते है | श्री बालकृष्ण को मोर मुकुट धारी कहते है क्योंकि कृष्ण मुकुट में मोर पंख लगाते हैं।

 इस तरह की जब भी बातें होती विनय की माता जी भी आकर बैठ जाती,, माता जी कहने लगी मोर पंख को नव ग्रह की तरह उच्च स्थान प्राप्त है। यह पंख हम को संदेश देता है जीवन में मोर पंख की तरह हल्के तथा गहरे रंग हुआ करते है | हम भी कभी दुःख मुसिबत का सामना मोर पंख के गहरे रंग की तरह करते है कभी हमें हल्के रंग की तरह सुख तथा समृद्धि मिलती है , माँ ने कहा कि हमारे ऋषि मुनी लोग ग्रंथ को मोर पंख की कलम से लिखा करते थे | ऋषि मुनि लोग मानते थे की मोर पंख में देवी-देवताओं का वास होता है|

विनय शंख को देखने लगा, पापा ने विनय को बताया की मां दुर्गा और भगवान विष्णु अपने हाथ में दक्षिण मुखी शंख धारण करते है | शंख की ध्वनि को शंख नाद कहते है शंख की ध्वनि कल्याण कारी साकारात्मक ऊर्जा देती है| जहाँ तक शंख की ध्वनि जाती है, वहाँ वैज्ञानिक रूप से कीटाणु का नाश होता है सकारात्मक ऊर्जा बनती है तथा श्वास में सुधार होता है। विनय की माता जी ने कहा हम शंख में रात को पानी भरकर रख देंगे, सुबह हम शंख मैं पानी को पायेंगे इस से पेट, मन ठीक रहता है शुगर और दमा को लाभ होता है| शंख सेहत और सुन्दरता का खजाना है। शंख से ऊर्जा का संचार होता है शंख की ध्वनी ओम की ध्वनि के समान महत्त्व पूर्ण और ऊर्जावान है | माँ ने कहा शंख पूजा स्थल पर रख देती हूं | विनय ने कहा हम शंख प्रतिदिन बजाया करेंगे शंख समुन्द्र मंथन के, चौदह रत्न में से एक है।, विनय को शंख सुन्दर और मोहक लग रहा था पापा से शंख बजाने की कहने लगा, पापा ने शंख बजाया | शंख की ध्वनि विनय को प्रिय लग रही थी तभी शंख कीध्वनि सुन कर विनय का दास्त कमल भी आ गया वह बराबर के घर मैं रहता है, स्कूल भी साथ साथ जाते है, कमल को भी विनय ने मोर पंख, शंख के बारे में बताया कमल ने कहा मेरे पास भी शंख हैं |मै भी में बजाया करूंगा | कमल कहने लगा , "शंख ध्वनि की धुन सुने, सब दुख मिटाए " विनय ने कहा हां हां ठीक है " शंख की ध्वनि सुन हो ओए स्वस्थ"| इस तरह दोनों मित्र वस्तु एवं कथा का आनंद लेते रहे?|


Rate this content
Log in