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Rashmi Nair

Children Stories

3  

Rashmi Nair

Children Stories

मीठी मीठी बातें

मीठी मीठी बातें

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   अचानक प्रतिमा को दिल का दौरा पडा़, उसके पति केतन ने भाग - दौड़ कर के अस्पताल ले जाकर आय.सी.यू में दाखिल किया । घबराहट में दोनों बेटोंको फोन करके तुरंत बताया । बेटों को ऐसा लगा कि अब अगर भारत गए तो अस्पताल का सारा खर्चा उनको उठाना पडेगा । इसलिए दोनोंने अपना अपना कारण बताकर फोन काट दिया । प्रतिमा की नाजुक हालत को देखते हुए वो सच बता नहीं सकता था । इसलिए उसने कहा "वेकेशन सिजन है, टिकट न मिलने के कारण आ नहीं पा रहे है, जैसे ही मिलेगी वो आ जायेंगे । ऐसा कहकर प्रतिमा को दिलासा दिया । "धीरे–धीरे वो अच्छी होने लगी । कुछ ही दिनो में उसे डिस्चार्ज भी मिला । कई बार प्रतिमा ने उनसे बात करने की जिद की । जितनी भी बार केतन ने उन्हें फोन किया दोनों में से किसी ने भी नहीं उठाया । तब पहली बार उसे जबरदस्त झटका लगा । 

    कलिका को जब पता चला तो उससे रहा नहीं गया । वो जानती थी कि उसकी विनीत से शादी को लेकर नाराजगी थी । पर मुश्किल की इस घडी़ में सब कुछ भूलकर वो अपनी चार वर्षिय बच्ची कोमल को लेकर अपने पापा के घर चली गई ताकि वो माँ को एक बार देख सके । जाते समय उसने एक सुंद रसा गुलदस्ता और कुछ फल भी माँके ले लिए ले गई । उसकी बहुत इच्छा थी । पर पापा के गुस्से ने उसे रोक रखा था । उसका नसीब अच्छा था कि उस समय उसके पापा घर पर नहीं थे । मगर उसकी माँ उसके आनेससे बहुत खुश थी । अपने नाती की मीठी-मीठी बातें सुनकर उसे बहुत राहत मिली । कलिका ने पापाके लौट आने से पहले अपने घर चले जाना उचित समझा वो चली गई । दुबारा वो कोई तकलीफ पहुँचाना नहीं चाहती थी ।                   

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  शाम को केतन के वापस लौटने पर प्रतिमा ने उसे बताया तो उसके उम्मीद के विपरित केतन ने कहा – " रोक लेती , उसे , जाने क्यों दिया ? मुझे मेरी नाती से मिलने भी नहीं दिया "। सुनकर प्रतिमा हैरान होकर बोली "मगर आप तो उसकी सूरत भी नहीं देखना चाहते ! कैसे रोक लेती ? "तब केतनने कहा " मुझे अब एहसास हो गया है कि जिसे मैं मुसीबत समझता था वो मेरे लिए अब राहत बन गई है । मुझे लगता है कि शायद मैं ही गलत था। यही वजह थी कि मैं अपनी नाती की मीठी-मीठी बातें भी नहीं सुन सका और न उसके साथ खेल सका " सुन कर प्रतिमा चौंक गई ।उसने पूछा "अगर कभी वो सब सामने आ गई तो क्या करोगे ?" " क्या करुँगा ?अरे,उन सबको गले लगा लुँगा । और क्या ? केतनने कहा " । उसे यह जानकर अच्छा लगा कि केतन का गुस्सा, नातीन के प्यार में गायब हो गया । अपनी बेटी और दामाद को उसने माफ कर दिया । उसके दफ्तर जाने के बाद उसने बेटी से फोनपर बात करके सारी बात बताई तो कलिका खुश हो गई । साथ ही उसने नये साल के दिन उनको आमंत्रित किया । नया साल अबकी बार इतवार के दिन आया । डोर बेल जैसे ही बजी वो खुद दरवाजा खोलने गए । कलिकालको अपने परिवार के साथ देखकर केतन बहुत खुश हो गया । अपने पापा को देखते ही कलिका और विनीत एक साथ बोले "हैपी न्यु इयर पापा ।" मुस्कुराते हुए केतन ने कहा " सेम टू यु एन्ड वेलकम बच्चों, चलो अंदर आओ ।"

     

                                          




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