मेरी यात्रा 9
मेरी यात्रा 9
रात होने से पहले हम पुष्कर पहुंच गए। और जाकर हमने सबसे पहले चाय पानी पिया और फिर रहने के लिए कोई होटल ढूंढने लगे।फिर हमने के में रुकने का इंतजाम कर लिया। हमने सारा सामान कमरे में रखा। वहां नहाये कपड़े भी धो लिए।फिर हम ब्रह्म जी के दर्शन करने चले गए। मंदिर बहुत ही अद्भुत था। उस मंदिर में विदेशी पर्यटक भीी दर्शन करने आए थे।फिर हम ब्रह्मा जी की पत्नी सावित्री माता के दर्शन करने के लिए जाने लगे । माता का मंदिर पहाड़ी पर स्थित था। हमने रास्ते में मटका कुल्फी भी खााई।
मम्मी नानी तो पहाड़ी वाले मंदिर में नहीं गई। उनसे इतनी चढ़ाई नहीं हुई। पर हम बच्चों में बहुत जोश था हम जैसे तैसे मंदिर में चले गये।दर्शन करने के बाद कुछ देर पहाड़ी पर ही थोड़ा आराम किया और नीचे आने लगे।
पहाड़ी से उतरते समय बहुत बार पैर फिसल जाता।डर भी लगता कि गिर ना जाएं।पर जैसे तैसे वापिस आ गए। और फिर हम होटल की ओर चल दिए।