मेरी मानो तो केस रफा दफा कर दो

मेरी मानो तो केस रफा दफा कर दो

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रमा अकेली एक बच्ची की जिम्मेदारी उठा रही थी । रीवा के जन्म के तीन साल के बाद ही रमा के पति कार एक्सिडे़न्ट मे गुजर गये। अकेली समाज मे दोनो खुशी से रहती । पति और पिता की कमी हमेशा लगती पर दोनो एक दुसरे का सहारा बनती ।

रीवा कालेज मे आ गयी ,पढाई मे होशियार ।रमा को पति की जगह नौकरी मिल गयी थी। रीवा को कालेज मे सीनियर की रेगिंग ने परेशान कर रखा था। वरूण बडे़ घर के बेटा था । कालेज मे दादागिरी करता ।

वरूण ,रीवा को हमेशा परेशान करता । कभी रास्ता रोक लेता ,कभी हाथ पकड़ लेता ,किसी कि हिम्मत नही थी उसे कुछ कहने की।गलत काम मे उसके पिता उसे बचा लेते। रीवा ने एक दिन गुस्से में थप्पड़ लगा दिया। वरूण बदला लेने कि सोचने लगा। उसका घर से आना जाना मुश्किल कर दिया था ।कनक ,सूरज हमेशा उसके साथ रहते।

रीवा के दो ही दोस्त थे ।कनक और सूरज वो हमेशा उसका साथ देते । एक दिन फेयरवेल पार्टी मे वरूण ने कनक ,सूरज से कहा वो माफी माँगना चाहता है आज फेयरवैल है रीवा से तुम दोनो मदद कर दो तो अहसान रहेगा मुझ पर । नाराजगी खत्नम करना चाहता हुँ।कनक और सूरज को यकिन करा दिया कि वो सच मे शर्मिन्दा है । अकेले मे मिलवा दे । दोनो साथ रहेगे ये वादा लिया कनक और सूरज ने। जैसे ही तीनो मिलने आए कनक ,सूरज को रस्सी से बान्ध दिया रीवा की जिन्दगी को तार तार कर दिया ।आज वरूण को लगा बदला पूरा हुआ । कनक ,सूरज वरुण का घिनौना चेहरा नही देख पाये इस बात का दुख हो रहा था , वो अपनी दोस्त को बचा भी नही पा रहे थे। रीवा बेहोश हो गयी ।

बाद मे कुछ लोगो ने देखा और खून से लथपथ रीवा को हास्पिटल ले गये ,कनक ,सूरज को रस्सी से खोला ,मुँह से टेप हटाया । बेटी को देखकर रीवा कि माँ का बुरा हाल था कनक सूरज बहुत माफी माँगने लगे ।उन्हे नही पता था कि वरूण धोखा देगा इस हद तक गिरेगा। कनक और सूरज ने कहा वो दोनो गवाही देगे वरुण के खिलाफ ।अगले दिन सब पहुँचे केस दर्ज कराने ।

पुलिस इंसपेक्टर ने कहा देखिये माँजी आपका भला चाहता हुँ ,आप अकेली कैसे इतने बडे़ लोगो से लडे़गी मेरी मानो तो केस रफा दफा कर दो।

शाम को वरूण और उसके पिता धमकाने रीवा के घर आए । वरूण के पिता ने वरूण से कहा पैर छू कर माफी माँग आंटी से ।वरूण पैर छूने लगा

,रीवा की माँ पीछे हट गयी। वरूण के पिता ने कहा जैसे पीछे हुई है ,वैसे केस पीछे कर लिजिये अच्छा होगा। लड़का है गलती हो गयी । माफ करके केस रफा दफा करो।

रीवा की माँ ने रीरा को केस ना लड़ने का समझा दिया। रीवा को जबरदस्ती कनक और सूरज कालेज ले आये। पर वरूण ने उनकी खुब बेइज्जती की।

रीवा घर आ गयी रोती रही । माँ ने समझाया उनकी बातो पर ध्यान नही दे ,बिना बात की बेइज्जती होगी। बात बढ़ी तो..।रीवा

रो रही थी ।माँ इज्जत तो अब भी नही रही लोग राह चलते बाते करते है , ये वो लड़की है जिसके साथ ऐसा हुआ। मुझे उस शाम की वरूण कि हँसी और अपनी चीख कानो मे गुँज रही है । माँ मुझे लड़ना होगा । मुझे मना मत करो । वो खुले आम घुम रहा है ,आगे भी किसी के साथ करेगाकनक ,सूरज ने हिम्मत दिलाई ,वो गवाह थे । बड़ी मुश्किल से एक वकिल वरूण के खिलाफ लड़ने को तैयार हुआ। काफी धमकी मिली पर अब पीछे नही हधीरे धीरे कालेज के छात्र संगठन साथ खड़े हुये। सोशल मिडिया का सहयोग मिला और रीवा की जीत हुई। आजकल अत्यचार बढ गया है । हैवानियत छा गयी है समाज मे । आये दिन लड़कियो के साथ ऐसा हो रहा है ।कानुन सही फैसले सही समय पर नही करता। कानुन सख्त होना ही चाहिये । बहुत सोशल मिडिया पर लोग आगे आये और फिर सब भूल गये। उन्हे याद ही तब आता है जब किसी लड़की की बेरहमी से हत्या करके दरिन्दे खुले आम घुमते अब केस को रफ़ा दफ़ा करना ही होगा

अब और पिडित लड़कियो के लिये भी रीवा उदाहरण बन कर सामने आई। जिसके साथ गलत हुआ वो क्युं डरे ,ड़रना उन्हे चाहिये जिसने गलत किया


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