मेरे स्कूल का पहला दिन
मेरे स्कूल का पहला दिन
साल 2018। इस साल में मेरा एडमिशन केंद्रीय विद्यालय मोहाली में हुई। पहला पहला स्कूल नए-नए बच्चे पुरानी स्कूल की भी बहुत याद आ रही थी। मन में कई सवाल उत्पन्न हो रहे थे। शिक्षक कैसे होंगे मारेंगे तो नहीं डांटेंगे तो नहीं बच्चे कैसे होंगे ज्यादा बोलेंगे तो नहीं। सवालों का पिटारा भरा हुआ था। जब मैंने अपने क्लास टीचर को देखा तो शक्ल देखते ही बता दिया कि यह मुझे बहुत डांटने वाली है। पर मैंने कक्षा में प्रवेश किया तो बच्चों से इतनी अच्छी बात तो नहीं करी पर अपनी क्लास टीचर से बिना बोले मुझे इतना अच्छा लगा जिन्होंने कभी मुझे डांटा नहीं गलती हुई हो तो बताया है। किसी ने बच्चे पर हाथ उन्होंने उठाया नहीं हर एक चीज में उन्होंने हमें अच्छी बातें बताई है। नीरजा शर्मा मैम नाम है मेरी क्लास टीचर का जिनको कविता लिखने का बहुत शौक है। और हम भी उनके साथ नई नई कविताएं रचते हैं। मुझे मेरे स्कूल का पहला दिन अपने दोस्तों के साथ बातें कर कर बिल्कुल अच्छा नहीं लगा बल्कि नई टीचर नया स्कूल नई बाते नई किताबें बहुत कुछ बताती हैं। आज मैं इसी स्कूल में कक्षा आठवीं की छात्रा हूं। नीरजा शर्मा मैम ही हमारी अध्यापिका है। मैं स्कूल का माता पिता का और अपनी प्यारी सी क्लास टीचर नीरजा शर्मा मैम जी का तहे दिल से धन्यवाद करना चाहती हूं।