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Kunda Shamkuwar

Children Stories

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Kunda Shamkuwar

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मेरा घर

मेरा घर

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"देखो, तुम अपनी लिमिट क्रॉस कर रहे हो।" वह भुनभुनाते कह रही थी।"यहाँ न जाओ,वहाँ न जाओ,ये ना करो,वो ना करो,जोर से मत हँसा करो,ठीक से कपड़े पहना करो,शाम को घर जल्दी वापस आना,और भी ना जाने क्या क्या।" 


उसने बड़े ही सर्द लहजे में कहा,"देखो यह घर मेरा है,और तुम्हे वैसे ही रहना होगा,जैसे मैं चाहता हूँ।"

वह फिर से कहने लगी,"देखो, इस तरह की बाते शायद पुराने जमाने की औरतें सुन लेती थी।ये मेरी जिंदगी है,And I make rules for my self."

फिर एक पल रुकने के बाद कहने लगी,"और यह बार बार क्यों अहसास दिलाते रहते हो कि यह सिर्फ तुम्हारा घर है? ये तुम्हारा मकान था पहले,अब तो यह मेरा घर है...." 

फिर हँसते हुए वह गुनगुनाने लगी,"ये तेरा घर ये मेरा घर,किसी को देखना हो तो पहले आके माँग ले मेरी नज़र मेरी नज़र..…"


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