मेंढक
मेंढक
शिक्षक ने कक्षा में छात्रों से कहा बेटा मेढक किस - किस ने देखा है सभी बच्चे एक साथ चिल्लाये हमने देखा है हमने देखा है तो बच्चों बताओ मेंढक कहाँ रहता है बच्चों ने बताया पानी में, कीचड़ में जमीन के अन्दर गड्ढों में, शाबाश अब हम तुम्हें मेंढक के बारे में और रोचक ज्ञानवर्धक जानकारी देते हैं। मेढक हमारे वैज्ञानिकों व विज्ञान के छात्रों के लिए प्रयोगशालाओं में प्रयोग करने के लिए ले जाये जाते हैं। मेंढकों पर विभिन्न प्रकार के प्रयोग कर मानव जीवन के रोग व उनका निदान किया जाता है। मेंढक ज्यादातर बरसात के दिनों में दिखते हैं वह टर - टर की आवाज करते हैं, गाँव के लोग जब बरसात देर से आ रही हो तो मेंढक - मेंढकी को पकड़कर उनकी शादी रचाते हैं व उनकी पूजा कर उनसे प्रार्थना करते हैं कि " मिन्दों रानी पानी दो, धान कोदो ऊगन दो " ये बार - बार पंक्ति दोहराते हैं ऐसी पुरानी मान्यता है । मेंढक कीट - पतंगों को खाकर पर्यावरण की सुरक्षा में अहम योगदान करते हैं वह हमारी फसल चक्र की भी सुरक्षा करते हैं। इस कहानी से हमें निम्न शिक्षा मिलती हैं
( 1 ) मेंढक का वैज्ञानिक व जीव विज्ञान के छात्रों के लिए प्रायोगिक योगदान।
( 2 ) फल - फसलों का अप्रत्यक्ष योगदान।
( 3 ) बरसात व मेंढक की पुरातन मान्यता।
