Vimla Jain

Children Stories Action Classics

4.5  

Vimla Jain

Children Stories Action Classics

मैनिक्विन में अटका बालमन

मैनिक्विन में अटका बालमन

3 mins
200


मैनिक्विन एक पुतला एक अक्सर व्यक्त की जाने वाली गुड़िया है जिसका उपयोग कलाकारों, दर्जी, ड्रेसमेकर, विंडोड्रेसर और अन्य लोगों द्वारा विशेष रूप से कपड़ों को प्रदर्शित करने या फिट करने के लिए किया जाता है।

एक छोटा लड़का अक्सर उस शोरूम के सामने से निकलता और वहां पर दरवाजे पर ही रोज सुंदर-सुंदर कपड़ों में सजी हुई मैनिक्विन होती थी, उस बच्चे को यह समझ नहीं थी कि मैनिक्विन एक पुतला होती है।

अब तो रोजाना ही उसका यह नियम बन गया था कि वह स्कूल भी जाता तो उधर से होकर जाता, और आता तो ही उधर से होकर आता। और बहुत देर तक वहां खड़ा रहता उस मैनिक्विन को देखता रहता।

और घर आकर के भी उस सुंदर मैनिक्विन के सपने ही देखा करता था, कि कितनी सुंदर है, कितना कपड़े अच्छे पहनती है।

काश मेरी मम्मी भी इतनी सुंदर होती और वह रोज अपनी मम्मी को उससे कंपेयर करके और मम्मी पर बहुत चिड़चिड़ाने लग गया।

उसकी मम्मी थोड़े दिन तो कुछ नहीं बोली बार-बार मे वह कहता तुम बिल्कुल सुंदर नहीं हो।सुंदर सुंदर कपड़े नहीं पहनती हो।

अच्छी से नहीं रहती हो, तुम मेरी मम्मी क्यों हो।

मेरी मम्मी तो वह होनी चाहिए जो वहां शोरूम में खड़ी है, रोज नए नए कपड़े पहनती है।

पहले तो उसकी मां ने बिल्कुल ध्यान नहींदिया मगर जब ज्यादा हो गया तब उन्होंने बोला बता तेरी मम्मी कौन सी है, और कितनी सुंदर होनी चाहिए।

तब वह एक दिन अपनी मां को उस शोरूम पर लेकर गया और दूर से दिखाता है यह देखो कितनी सुंदर औरत रोज सुंदर-सुंदर कपड़े पहन कर के यहां खड़ी रहती है।

और सब का स्वागत करती है।

तुम इतनी सुंदर क्यों नहीं हो ,तुम मेरी मम्मी हो पर सुंदर नहीं हो। मुझे तो यह मम्मी चाहिए। उसकी मम्मी उसको हाथ पकड़ कर शोरूम के अंदर लेकर गई, और बताया उसको की देख यह एक पुतला है।यह एक औरत का पुतला है जिसको जैसे कपड़े पहना दो वह वैसा ही दिखने लगता है।

तेरी मम्मी पुतला हो सकती है भला,

तब उस बच्चे को बात समझ में आई।

उसको उसके मालिक ने भी बोला कि यह तो पुतला है इसको हम रोज नए नए कपड़े बेचने के लिए शोरूम में लोगों को आकर्षित करने के लिए रखते हैं।

 मुझे क्या पता था कि यह बच्चा है रोज इसीलिए आता है, उसको मैं रोज देखता हूं यह आधा-आधा घंटे यहां खड़ा रहता है।

और इस मैनिक्विन को देखता रहता है।

मुझे नहीं पता था कि यह आपको इस तरह परेशान कर रहा है।

और उस बच्चे को भी समझाते हैं कि यह या खड़ा रहता है, इसीलिए ठीक अच्छा है पुतला है जैसै कपड़े पहन हो वैसा ही हो जाएगा।

और इसके कारण मेरे बहुत सारे ग्राहक आते हैं कपड़े देख कर के लेकर जाते हैं।

तुमने कभी यह नहीं सोचा कि इसको रोज नए कपड़े क्यों पहनाए जाते हैं।

और उस बच्चे को गोदी में लेकर उस मैनिक्विन के हाथ लगा कर मुंह पर और सब बताया उसको कि यह तो मिट्टी का बना हुआ है।

तो उस बच्चे को बात समझ में आई थोड़ा धक्का भी लगा उसको कि वह क्या समझता था क्या निकला।पर बाल मन है। उसकी मां ने उसको गोदी में उठा लिया और बहुत प्यार किया, और समझाया और वह समझ गया।

बोलता है नहीं मां आप जैसी हो वैसी ही अच्छी हो मुझे तो आप ही सबसे प्यारी लगती हो।

बालमन किसको कहते हैं कभी इधर जाता है कभी उधर जाता है मगर लौट के तो बुद्धू घर को ही आते हैं।

वह भी अपनी मां के पास लौट गया मां के आंचल में समा गया और दोनों खुशी-खुशी घर लौट गए

इस तरह बच्चे को असली नकली का फर्क पता लगा और वह अपनी मां से वापस बहुत प्यार करने लग गया।


Rate this content
Log in