कुंडली
कुंडली
प्रिया ने जब उसकी माँ को बताया कि ऑफिस में अपने साथ काम करने वाले एक लड़के से वह शादी करना चाहती है। जिसे वो अपने कॉलेज के जमाने से जानती है। तो खुली सोच वाली माँ सहर्ष उस रिश्ते के लिये सहमत हो गई। और लड़के के माता पिता से उसे मिलवाने को कहा। लड़के के परिवार वालों से मिलने के बाद, माँ लड़के के परिवार के प्रति तो निश्चिंत थी। पर पंडित जी ने उसे लड़के की लग्नकुंडली में जो दोष होना बताया था। जिसके कारण ,पंडित जी ने उसकी बेटी का वैवाहिक जीवन कष्टपूर्ण होने की आशंका व्यक्त की थी। वो बात ही अब प्रिया की माँ के लिये, चिंता का कारण बनी हुई थी।
हालांकि लड़के पक्ष के लोग तो इन बातों में अधिक विश्वास नहीं करते थे। फिर प्रिया की माँ ने जब अपनी बेटी को उस लड़के की कुंडली में दोष होना बताया। तब प्रिया ने कुछ पल अपनी माँ को निहारते हुए। उससे पूछा। कि माँ, पापा के साथ आपके कितने गुण मिले थे। इस पर उसकी माँ चहकते हुए बोली, मेरे तो तेरे पिता के साथ पूरे तीस गुण मिले। ओर अचानक इतना कहते उसकी जुबान रुक गई। और उसे याद आया कि कैसे उसके पति ने शादी के तीन साल बाद ही यह कहते हुए छोड़ दिया था। कि अनु हमारे विचार एक दूसरे से बिलकुल भी मेल नहीं खाते। इसलिये इस बेमेल रिश्ते को अब ओर आगे ले जाना ठीक नहीं।