खट्टे मीठे आम
खट्टे मीठे आम


बाग में एक आम का पेड़ था।उस पर जब खट्टी खट्टी अमियाँ लगीं होती तो बच्चों का मन ललचाता और पत्थर मार कर उन्हें तोड़ना शुरू कर देते ।कुछ टूट कर नीचे गिर जाती और कुछ पेड़ पर लगी रह जातीं ।
बच गयी अमिये पक कर बड़ी होने लगीं और मीठी भी ।बच्चों का मन अब मीठे मीठे आम देख कर ललचाने लगा । पर इस बार वे पेड़ पर चढ़े और धीरे धीरे आम तोड़ कर नीचे खड़े दोस्त को पकड़ाते रहे ।
उधर से एक व्यक्ति जो रोज आता जाता था उसने बच्चों से पूछा ,थोड़े दिन पहले जब आम कच्चे थे तुम पत्थर मार कर तोड़ते थे ।अब यह पक गए हैं तो तुम पेड़ पर चढ़ कर सावधानी से तोड़ रहे हो ,ऐसे क्यों ?
बच्चे ने कहा, पहले ये छोटे थे और ऊंचाई पर लगे थे ।अब पक कर भारी और मीठे हो गए हैं तो पेड़ भी झुक गया है इसलिए उसके पास जाकर आराम से तोड़ लेते हैं ।"