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Piyosh Ggoel

Others

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खतरे में चौथा स्तम्भ

खतरे में चौथा स्तम्भ

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भारत एक लोकतांत्रिक देश है और लोकतंत्र में चार स्तंभ माने गए हैं जिनमें से चौथा स्तंभ है पत्रकारिता परंतु आज है चौथा स्तंभ ही खतरे में है क्योंकि कई सत्ताधारी स्तंभ को अपने प्रभाव से विफल कर देते हैं

यह बात उस समय की है जब चुनाव आने वाले है ओर रजत एक पत्रकार है जिसके लेख हर कोई अच्छे से पढ़ता है और उसके लेख का समाज पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है आज वह अपने ऑफिस में अपने बॉस सुदर्शन के साथ बैठा हुआ है और वहां पर कुछ चर्चा कर रहा है

सुदर्शन बोले - रजत ! तुम हमारे कंपनी के सबसे अच्छे पत्रकार हो और हमें विश्वास है कि तुम आज हमारा कार्य बहुत ही निष्ठा पूर्वक संपन्न करोगे ।

रजत बोले - अवश्य ! आप मात्र मुझे आदेश करें कि मुझे क्या करना होगा ।

सुदर्शन बोले - तुम तो जानते ही हो कि चुनाव का समय नजदीक आ चुका है इसलिए तुम इसी क्षण जाकर नेताओं का स्टिंग ऑपरेशन कर कराओ ताकि हम लोगों तक सही खबर पहुंचा सके और लोगों को बता सके क्यों नहीं कि से मत देना है और किसे नहीं ।

रजत बोले - मैं अवश्य जाऊंगा परंतु आप मात्र मुझे इतना पता है कि मुझे किस के सम्मुख जाना है वह किस नेता का स्टिंग ऑपरेशन करना है ।

सुदर्शन बोले - तुम जाकर रमेश का स्टिंग ऑपरेशन कर रहा हूं क्योंकि इस समय वही सत्ता में हैं और उसके ऊपर हमें सन्देह है ।

ततपश्चात रजत रमेश के पास कैमरे वाला चश्मा पहन कर चले गए ओर वहां जाकर उन्होंने रमेश से कहा - 'आप अब तक सत्ता में रहे तो आप क्या इस बार भी सत्ता में आएंगे" ? रमेश ने उत्तर देते हुए कहा -" हां- हां जरूर आएंगे क्यों नहीं "। इतना सुनकर रजत ने रमेश से पूछा कि आपको इतना विश्वास तो है परंतु जो आपका विरोधी पक्ष है उसने भी तो बहुत ही अच्छे से तैयारी करी है क्या आपको लगता है कि बिना कुछ करे आप प्रथम आ पाएंगे । रमेश ने उत्तर दिया - " हम कुछ करते क्यों नहीं इतना तो करते हैं हम नेताओं के साथ बैठते हैं और तो और हम जनता के बीच में जाते हैं" । फिर रजत ने कहा कि विपक्ष भी तो यही सब करता है और फिर आगे का जमाना तो ऐसा ही है कि जनता को पैसे खिलाकर कोई भी उनके मत खरीद सकता है । आप मुझ पर पूरा विश्वास रखिए आप बता ही दीजिए कि क्या आपने कोई ऐसी चाल चली है । यह सुनकर रमेश डर गए क्योंकि उन्हें डर था कहीं उनकी यह चाल पकड़े ना जाए तब उन्होंने कहा कि जी नहीं ऐसी हमने कोई भी चाल नहीं चली । तब रजत ने कहा - आप मुझ पर पूरा विश्वास करिए मैं आपकी बातों को इस प्रकार छापूंगा कि हर मत आपको ही मिलेगा आप मात्र मुझे बताइए तब रमेश को रजत पर पूरा विश्वास आ गया और उसने बता दिया कि वह क्या करेगा , वह पैसे लोगों को खिलाएगा बल्कि उसने खिला भी दिए, रजत के पास जो कैमरा था उसके अंदर हर चीज रिकॉर्ड हो गई ।

रजत ने रमेश का स्टिंग ऑपरेशन तो कर लिया लेकिन रजत ने रमेश को इस बारे में कुछ भी नहीं बताया परंतु रजत की किस्मत ही खराब थी क्योंकि जब वह बाहर निकलने लगा तब रमेश के पहरियों ने रजत को पकड़ लिया और उसका चश्मा उतार लिया जब पहरियों को पता चला कि रमेश का स्टिंग ऑपरेशन हो चुका है जब यह बात रमेश को पता चली तब रमेश को अत्यंत क्रोध आया और उसने रजत को डराया धमकाया पर रजत भी एक अत्यंत बुद्धिमान पत्रकार था। उसने कहा कि मैंने तो यह कैमरा फोन ही नहीं करा था और उसने चुपके से उस कैमरे का पेनड्राइव निकाल लिया और भाई चश्मा परियों को सौंप दिया पर फिर इस बात का अंदाजा रमेश को आ गया और उसने रजत के बॉस सुदर्शन को कई प्रकार से भयभीत करने का प्रयत्न किया परंतु कोई बात ना बने फिर अंत में तो रमेश ने अपनी सत्ता की ताकत से सुदर्शन का चैनल ही बंद करवा दिया ।

देखा आपने सत्ताधारी किस प्रकार अपनी सत्ता की ताकत का प्रयोग कर एक ईमानदार चैनलों को बंद करवा देते हैं और भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाते हैं इसलिए कहा जाता है -खतरे में चौथा स्तंभ



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