खराब सा खाना/बच्चे
खराब सा खाना/बच्चे
"बेटा जो बना है वही खा लो, कल रेस्ट्रा से खाना ले आएंगे।" मैंने आलू की सब्जी और दो रोटी एक प्लेट में रखकर अपनी आठ वर्षीय बेटी अरु को देते हुए कहा।
अरु ने कड़वा सा मूँह बना कर खाने की तरफ देखा और कोप भवन की तरफ चली गई। हमारा ड्राइंगरूम हम पति-पत्नी के झगड़ो में अक्सर कोप भवन का काम करता है जब भी हम दोनों का झगड़ा होता तो जो भी ज्यादा नाराज होता वो अक्सर ड्राइंगरूम में अड्डा जमा लेता। आज शाम एक मामूली बात ने झगड़े का रूप धारण कर लिया और परिणामस्वरूप पत्नी श्री कोप भवन में डेरा डाले हुए थी।
अरु के पीछे-पीछे मैं खाने की प्लेट लिए कोप भवन में आ गया जहां अरु अपनी मम्मी से कह रही थी, "मम्मी क्या अब हमेशा डैडी के हाथ का बना खराब सा खाना खाना पड़ेगा?"
"क्या खराब बना लिया?" पत्नी श्री ने अरु से पूछा और खाने की प्लेट को देखकर कर बोली, "सही कह रही है अरु इस खाने की शक्ल से लग रहा है कि ये खाने लायक नहीं है। इन्होने तो कोई भी ढंग का काम न करने की कसम खा रखी है, आ चल इस खाने को ही थोड़ा ठीक करने की कोशिश करते है।" पत्नी श्री मेरी तरफ उपहास भरी नजर से देखते हुए बोली और खाने की प्लेट उठा कर किचन की तरफ चली गई।
आधे घंटे बाद अरु पत्नी श्री का बनाया पास्ता खा रही थी और हम दोनों मेरे बनाये खाने को कड़वा सा मुँह बना कर खा रहे थे। झगड़ा खत्म हो चुका था।