कहानी एक वोट की
कहानी एक वोट की
“शायद इस समय हमारे साथ साथ आप भी इस दौर में है। लेकिन मायूस होने का एक ही वजह है, एक ही वोट मेरे लिए 100 वोट के बराबर होता ।
सुबह सुबह जब सन्दीप सो कर उठा तो सब से पहले उसका हाथ मोबाइल पर पड़ता है। जैसे हर किसी की रात मोबाइल से खत्म होती है तो सुबह शुरू होती है। अपने जीमेल को खोलता है। अब उसका चेहरा बड़ी खुशी से खिलने लगा ।
एक मैसेज देखता है” बधाई हो आप स्टोरी मिरर के ऑथर ऑफ दा ईयर” के लिए सेलेक्ट हुए है। ( अंग्रेजी में)
“क्या बात है,आज सुबह सुबह ही कुछ अच्छे न्यूज़ देखने को मिले”। (बिस्तर से निकल कर)।
कुछ देर बाद....…
सन्दीप सोचने लगा मैं तो इतना वोट इकठ्ठा कर लूँगा । फिर वो बार बार अपनी प्रोफाइल को देखता है कि कितने परिचित लोग जिनको मैं ये स्टोरी मिरर अवॉर्ड्स के लिए मैसेज करूँ जिससे लोग वोट करे ।
वो सब से पहले अपना फेसबुक खोलता है, जहाँ पर 1000 दोस्त की लिस्ट दिखता है। फिर वापस मोबाइल के होम पर आ कर व्हाट्सअप पर आता है, वहाँ भी 350 दोस्त है।
“मेरे पास इतने दोस्त है,की सोचने की जरूरत ही नही है। अगर मैं सब को ये मैसेज भेजता हूँ तो सब तो करेंगे ही क्यों कि सब से मेरा अच्छा परिचय है ।“
फिर क्या था सन्दीप तुरन्त फेसबुक पर वही मैसेज (जीमेल) को पोस्ट कर देता है।
मैसेज कुछ इस तरह था.......
सर, इनको वोट दे कर जीतने में मदद करे
नमस्ते,
मुझे वास्तव में खुशी है कि मुझे डिजिटल साहित्य और प्रकाशन के क्षेत्र में सबसे बड़े पुरस्कार और मान्यता के लिए नामांकित किया गया है – StoryMirror Author of the Year Award – 2019 जो भारत के लिए सबसे बड़ा पाठक और लेखकों का बहु भाषिक मंच है।
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लगभग सभी को वही पोस्ट पर्सनल भी करता है। और सोचता है कि कुछ देर बाद सब मुझे वोट कर देंगे तो मुझे कुछ वोट तो मिल ही जाएंगे ।
दोपहर को.....
सन्दीप बाजार जाता है ये सोच कर की मैं अपने कुछ दोस्त से भी बोलूँगा तो वो वोट करेंगे । कुछ दूर ही निकला ही था तभी रोहित दिख गया..
“और रोहित क्या हाल है” ?
“कुछ नही दुकान जा रहा हूँ”।
“यार एक काम था तुम से “?
“बोलो क्या काम है”
सन्दीप अपना मोबाइल निकाल कर वोटिंग लिंक दिखाता है । और बोलता है अपना मोबाइल निकाल कर वोट करो ।
“यार, अभी तो मैं दुकान जा रहा हूँ बाद में मैं कर दूँगा”
वो वहाँ से चला गया ।
ऐसे करते करते लगभग 15 लोगो से बोलने के बाद भी उसको एक भी वोट नहीं मिला तो वो बहुत मायूस हुआ । लेकिन फिर किसी से कुछ इसलिए नही बोल सका क्योकि उसको देख कर सब इधर उधर होने लगे ।
“कितने अजीब है,मैं तो अपनी मेहनत के लिए वोट माँग रहा था । लेकिन लगता है लोगो को इसकी जरूरत ही नही है”।
घर पर .....
वो व्हाट्सअप्प पर सब को वही मैसेज सेंड करता है। स्टेटस पर भी लगता है । ये सोच कर की शाम तक 50,100 वोट हो जाएंगे ।
शाम को...
किसी से फोन कर के
“भाई एक स्टोरी के लिए वोट करना है,मैंने तुम को मैसेज किया है । तो करना वोट अभी ।
“ठीक है,अभी करता हूँ ।
पूरा दिन ऐसे ही निकल गया,लेकिन किसी ने वोट नही किया ।
जितना हो सका वो फेसबुक पर व्हाट्सअप्प पर मैसेज करता रहा ।
रात को स्टोरी मिरर खोलता है ये देखने के लिए शायद किसी ने मुझे वोट किया है, मायूस ही हाथ लगा ।
दूसरे की प्रोफाइल खोल कर.....
सन्दीप को लगा कि शायद मुझसे भी अच्छा लिखने वाले भी होंगे,इसलिए तो 150,250,100, वोट मिले है।
लेकिन जब देखता है कि कोई 2 तो कोई 5 कोई 10 ही स्टोरी लिखा है तो वो और निराश हो गया ।
“इतना लिखने के बाद भी मुझे एक भी वोट नही मिला” लेकिन इन सब को इतने इतने वोट ।
शायद अब संदीप को समझ मे आ गया कि आज की दौर में अच्छी कहानी की कोई तारीफ नही है, तरीफ तो बस वोट की है ।
और ये फेसबुक हो या परिचय सब बस आर्टिफिशियल दोस्ती है। शायद इस समय कुछ लोगो के साथ भी यही हो रहा होगा ।
पर कोई बात नही वोट तो होते ही रहते है,लेकिन आपकी कहानी आप के लिए एक वोट से कम नही है ।