Sri Sri Mishra

Children Stories Inspirational

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Sri Sri Mishra

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जंगल में मंगल

जंगल में मंगल

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एक हरा भरा बहुत ही सुंदर जंगल था। रंग बिरंगी फूलों की मुस्कान माहौल को हमेशा बहुत ही सुहावना बनाए रखती थी...। वहांँ के सभी पशु पक्षी जानवर बड़े प्रेम से मेलजोल से रहते थे । कभी मोर अपने सतरंँगी पंँखों को फैला कर आसमान से बातें करता था......।कभी कोयल अपनी प्यारी मधुर कूक बिखेर देती थी । मानो संगीत के आरोह अवरोह मीठे स्वर उसके गले में समाए हो..।कभी हाथी अपनी सूंड में सरोवर का पानी भरकर जाने कितने जानवरों को पानी की बौछार से नहला कर गुदगुदा देता था..। चिड़ियों की चहचहाहट से पूरा जंगल गुंजायमान रहता था...। कभी शेर अपनी दहाड़ से सब को डरा कर अनुशासित कर देता था..। मानो पूरे जंगल का राजा वही हो.....!!

बंदरों का झुंड भी कोई कम नहीं था ..।..कभी इस डाली से उस डाली झूल कर खूब मस्ती करते .. कभी पेड़ों के केले खाकर अपनी भूख को मिटाते और सरोवर का पानी पीकर अपनी प्यास को बुझाते..।इस तरह से सबकी जिंदगी बहुत अच्छी बीत रही थी ।लेकिन अचानक एक दिन बंदरों का झुंड जंगल से शहर की ओर रुख कर गए और वह लोग शहर की ओर चल पड़े।

शहर की सड़कों पर आते ही उनका दम जैसे घुटने लगा..। क्योंकि शहर पर चलती गाड़ियों का धुआंँ,, प्रदूषण उनको नहीं भा रहा था ....। वह थोड़ा आगे बढ़े ही थे.. कि सड़क पर सीवर का ढक्कन खुला होने से एक बंदर उसी में गिर पड़ा..। अब तो मानो बंदर की टोली में हलचल सी मच गई और सारे बंदर उसी जगह झुंड लगा कर मदद को जैसे गुहार मचाने लगे।.. शहर की आती-जाती ट्रैफिक सवारी जाम हो गई..। बंदरों ने पूरे सवारियों का आना-जाना रोक दिया और वह सब जोर जोर से चिल्ला रहे थे ....मानो वह अपनी भाषा में अपने उस साथी को बाहर निकालने के लिए मानव जाति से मदद की अर्जी लगा रहे थे..।

इतने में थोड़ी देर बाद कुछ लोग उन बंदरों की मदद के लिए आगे आए और कठिन प्रयास करके उस बंदर के साथी को बाहर निकाला गया ।.....उसके निकलते ही बंदरों के झुंड में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और वह सब बहुत खुश हो गए अपने साथी को सुरक्षित देखकर..। और अपनी आंखों से मानव जाति को धन्यवाद करते हुए पूरा का पूरा झुंड जंगल की ओर फिर से रवाना हो गया...।

निष्कर्ष: 

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है --एकता में बल होता है। बंदरों का झुंड अपने उस साथी के बिना सुख चैन का एक पल भी नहीं बिता पा रहा था। जब तक झुंड को अपना वह साथी सुरक्षित नहीं मिल गया। तब तक वह मदद के लिए गुहार लगाए हुए थे । वह अपने साथी को पाकर खुश होकर एकता के साथ अपने सुंदर जंगल की ओर प्रस्थान कर गए।



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