Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!
Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!

Dipesh Kumar

Children Stories

4.7  

Dipesh Kumar

Children Stories

जब सब थम सा गया(दिन-31)

जब सब थम सा गया(दिन-31)

3 mins
92


लॉक डाउन दिन-31

24.04.2020


प्रिय डायरी,

आज सुबह का मौसम बादलों से घिरा हुआ था।रात में हलकी बूंद बांदी भी हुई थी।सुबह उठने के बाद में सबसे पहले गाय को देखने गया।गाय को फॉर से बुखार आ गया था और कुछ नहीं खाने से गाय कमजोर हो गयी थी।लेकिन डॉक्टर को पिताजी ने सुबह ही फ़ोन कर दिया था।मैं ऊपर आकार योग प्राणायाम करने के बाद स्नान करके नीचे आ गया।नीचे आकर पूजा पाठ करके मैं गाय के पास खड़ा था।कुछ देर तक उसको सहलाने के बाद में बाल्टी में रखा पानी उसके पास रखा उसने पानी पिया।लेकिन चिंता का विषय ये था कि वो 2 दिन से कुछ खाई नहीं थी।कमजोरी के चलते उसकी हड्डियां दिखने लगी।कुछ देर बाद डॉक्टर साहब 11 बजे के लगभग आये और गाय को देखने के बाद कहा कि बुखार फिर से हो गया हैं और तापमान जितना कल था आज भी उतना ही हैं।फिर उन्होंने 4 इंजेक्शन लगाकर कहा शाम तक ठीक हो जानी चाहिए।कुछ देर बाद गाय बैठ गयी और हम सब कमरे में आकर अपना काम करने लगे।मैंने सुबह नास्ता नहीं किया था इस कारण भूख लग रही थी।12:30 बजे मैंने दोपहर का भोजन करके कमरे में आ गया।आज सीबीएसई द्वार मुझे कोई ऑनलाइन सेशन में मुझे सम्मिलित नहीं होने था।इसलिए मैंने सिनेमा देखने का मन बनाया।3 बजे तक सिनेमा देखने के बाद में गाय के पास गया तो हल्का फुल्का हरा घास खा रही थी।मौसम फिर से सही हो गया था और धुप तेज थी।मैंने देखा की रेम्बो जोर से हांफ रहा था।गर्मी उसको बर्दास्त नहीं होती हैं।मैंने उसके बर्तन में पानी रखा तो वो पानी पीने लगा।लेकिन मुझे लगा की रेम्बो को गर्मी हो रही हैं तो मैंने पंखा चालु कर दिया इसके बाद वो आराम से सो गया।मैं ऊपर कमरे में आकर एक किताब उठा कर पढ़ रहा था कि प्यारी आरोही मस्ती करने और खेलने मेरे पास आ गई।खेलते खेलते वो मेरे पास ही सो गई और मैं भी कुछ देर के लिए सो गया।

शाम जो चुकी थी मैं नीचे आकर गाय को देखा तो अब वो भोजन कर रही थी।लेकिन कमजोरी के चलते उसका शरीर पतला लग रहा था और सारी हड़िया दिख रही थी।मैंने डॉक्टर को फ़ोन किया तो उन्होंने गाय के बारे में पूछा।मैंने सब कुछ बताया तो उन्होंने कहा सब ठीक हो जायेगा।कल आकार मैं उसे एक बोतल ग्लूकोस का चढ़ा दूंगा।शाम की आरती के बाद मौसम फिर से बिगड गया।मौसम खराब होने के कारण अक्सर बिजली काट दी जाती हैं, इसलिए फटाफट सभी काम खत्म करके सब भोजन करके अपने कमरे में चले गए कुछ देर बाद बिजली काट गई।मैं कमरे की खिड़की से देख रहा था बाहर हलकी बारिश हो रही थी।रात के 11 बजे बिजली आ गयी।अब कोई भी काम करने का मन नहीं कर रहा था।इसलिए मैं जल्दी ही सो गया।

इस तरह लॉक डाउन का आज का दिन भी समाप्त हो गया।आज वैसे भी कुछ ज्यादा ख़ास नहीं था क्योंकि मौसम का रवैया समझ नहीं आ रहा था।लेकिन लॉक डाउन तो अभी 3 मई तक चलने हैं या उसके बाद भी ये तो बाद में पता चलेगा।कहानी अभी अगले भाग में जारी हैं


Rate this content
Log in