ईमानदारी
ईमानदारी
ईमली एक गरीब परिवार की लड़की है। वह माता -पिता की इकलौती बेटी थी। उसके माता-पिता फूलों की खेती करते थे। वह अपनी बेटी को खूब पढ़ाना चाहती थी लेकिन गरीबी के कारण पढ़ा नहीं पाए। रोज फूलों को लेकर बाजार में बेचकर शाम को घर आती हैं। एक दिन ईमली फूल बेचने जा रही थी तभी रास्ते में साहूकार के बैग गिर गया और साहूकार अपने घर चला गया। ईमली बाजार जाते समय अचानक उसकी नजर उस बैग पर पड़ा। फिर उस बैग उठाया और खोलकर देखा तभी उस बैग में बहुत सारे पैसे थे।
ईमली अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए सीधे पुलिस थाना पहुंच गई और थानेदार को बताया। और बैग को थानेदार को सौंप दिया। थानेदार ने उस लड़की की पीठ थपथपाई और बोला तू तो बहुत ईमानदार है। आजकल कोई पैसा वापस नहीं करते। तभी साहूकार रिपोर्ट लिखवाने आया। थानेदार ने बताया कि आपका बैग मिल गया हैं। साहूकार बहुत खुश हुआ। और थानेदार को धन्यवाद कहा तभी थानेदार कहा की धन्यवाद मुझे नहीं ईमली को कहो जो उन्होंने बैग को वापस पुलिस थाने ले आया। साहूकार ने ईमली को धन्यवाद कहा। तभी ईमली ने कहा बाबूजी यह तो मेरा फर्ज है। बेटी आजकल के जमाने में कोई वापस नहीं करता। साहूकार अपने घर ले गया वहां अपने परिवार का एक सदस्य बना लिया।