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Dr.Purnima Rai

Children Stories Classics Inspirational

4.5  

Dr.Purnima Rai

Children Stories Classics Inspirational

गुड्डी

गुड्डी

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पापा की गोद में बैठी गुड्डी ने बड़े प्यार से पूछा, पापा ! आप मुझे कितना प्यार करते हो ? अरे, तू तो मेरी जान है,बहुत- बहुत प्यार करता हूँ मेरी गुड्डी!! अच्छा तो यह बताओ--मम्मी को कितना प्यार करते हो ? हल्की मुस्कान चेहरे पर लाकर पापा बोले...तेरी मम्मी के बिन तो मैं कभी अकेले रहने का सोच भी नहीं सकता, सच्ची ! वह तो मेरी जान की जान है।

ओह हो!ऐसा क्या ? अच्छा पापा, यह बताओ ..दादी माँ को आप कितना प्यार करते हो ? यह सुनकर पापा अपनी आँखों में छलक आये आँसू समेटते हुये गुड्डी के गले लग कर बोले, तेरी दादी को मैंने प्यार नहीं, मोह किया था शायद,वह तब तक रहा, जब तक मेरा स्वार्थ था, प्यार करता होता तो आज तेरी दादी हम सबको छोड़कर वक्त से पहले ही हमेशा के लिये भगवान के पास न चली जाती। गुड्डी पापा के आँसुओं को अपने नन्हें हाथों से पोंछ कर बोली, मैं हूँ दादी ! समझे पापा।


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