गग्गामन्नी(गाय)
गग्गामन्नी(गाय)
शिक्षक ने कक्षा में कहा कि बताओ बेटा गाय किस - किस ने देखी है । सभी बच्चे एक साथ चिल्लाये हमने हमने देखी है तो बताओ बच्चों गाय कितने रंगों की होती है बच्चों ने सोचकर बताया कि काली , सफेद , भूरी , नीली इत्यादि । तो बताओ बच्चों गाय की कितनी आंखें होती हैं बच्चों ने बताया दो । गाय के कितने मुँह होते हैं , तो बच्चों ने सोचकर बताया एक लम्बा सा मुँह होता है , तो बच्चों बताओ गाय के कितने पैर होते हैं बच्चों ने मन में सोचकर मन में गिनकर फिर बताया चार शाबाश बच्चा अब बताओ गाय क्या - क्या खाती है बच्चों ने कहा रोटी चारा - भूसा इत्यादि । तो। बताओ बच्चों गाय हमें क्या - क्या देती है बच्चों ने एक साथ कहा दूध। दूध का हम क्या करते हैं दूध से हम चाय बनाते हैं दूध से मही , दही , घी। बनाते हैं बच्चों गाय के गोबर से क्या करते हैं बच्चों ने बताया कि माताएं । बहनें लीपा - पोती करती हैं व पूजन के लिए गणेश जी भी बनाती हैं । गाय। का गोबर इकट्ठा करके हमारे पिताजी बैलगाड़ी में भरकर खेत में ले जाकर डालते हैं इसको हम खेत में खतौरा डालना कहते हैं ।
शाबाश बच्चों आज हमने गाय की कहानी के साथ - साथ गाय का निबन्ध भी सीख लिया
( 1 ) गाय की दो आंखें होती हैं ।
( 2 ) गाय का एक लम्बा मुंह होता है ।
( 3 ) गाय के चार पैर होते हैं
( 4 ) गाय घास - भूसा रोटी खाती हैं ।
( 5 ) गाय हमें दूध देती है ।
( 6 ) गाय के गोबर से लीपा - पोती होती है व खाद् बनता है ।
इस कहानी से हमें निम्न शिक्षायें मिलती है
(1)खेल - खेल में गाय के बारे में स्थायी ज्ञान होना ।
( 2 ) सहज में ही गाय का निबन्ध सदा के लिए याद होना ।
( 3 ) दूध , दही , घी , गोबर इत्यादि की जानकारी होना ।