Dheerja Sharma

Others

5.0  

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फ़ादर्स डे

फ़ादर्स डे

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"अरे बेटा, कहाँ जाने के लिए तैयार हो गया। देख ,12 बजे तो सोया उठा है। न नाश्ता न दूध! क्यों जागता है रात को देर तक। सुबह कितनी देर हो जाती है उठने में!" "पापा, आपको पता है काम होता है। जाना है मुझे, वहीं खा लूंगा।"गौरव हेलमेट पहनते हुए बोला।

"ऐसा भी क्या काम है ? 42° है बाहर। लू चल रही है। थोड़ा ठहर कर चले जाना बेटा!-प्रदीप जी चिन्तित होते हुए बोले।

पापा हमारी एन जी ओ एक प्रोग्राम ऑर्गनाइस कर रही है, फ़ादर्स डे है न आज। उन पिताओं को सम्मानित करेंगे जिन्होंने बड़ा संघर्ष करके अपने बच्चों को बड़ा किया, कामयाब बनाया। अभी सारी तैयारी बाकी है। मेरे दोस्त मेरा इंतज़ार कर रहे हैं। चलता हूँ। बाय पापा।

और हाँ। आप खाना खा लेना। मुझे देर हो जाएगी। हैप्पी फ़ादर्स डे पापा। लव यू।

"थैंक्स बेटा। बाइक धीरे चलाना।"

दरवाज़ा बंद करते ही प्रदीप जी मायूस हो गए। अपनी पत्नी के दीवार पर टंगे चित्र को देखते हुए बोले "आज का दिन भी तुम्हारे साथ बातें करने में बीतेगा शुचि।" गौरव आज भी बिजी है।



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